हरिहर सिंह (1925-1994) एक प्रतिष्ठित भारतीय राजनेता और बिहार के 9वें मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 1969 में भोलापसवान शास्त्री के बाद मुख्यमंत्री पद संभाला। उनका कार्यकाल हालांकि कुछ ही महीनों का रहा, लेकिन राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण है।
हरिहर सिंह ने एक कांग्रेस-नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। उनके कार्यकाल के दौरान गठबंधन में शामिल सोशित दल के सभी छह सदस्य बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष में चले गए, जिससे उनकी सरकार गिर गई।
प्रारंभिक जीवन
हरिहर सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत के बक्सर जिले के चौगाईं गांव में एक उच्च जाति के राजपूत परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनमें देशभक्ति और समाजसेवा का भाव था, जो आगे चलकर उनके राजनीतिक जीवन की नींव बनी।
राजनीतिक करियर
- मुख्यमंत्री पद (1969): हरिहर सिंह ने भोलापसवान शास्त्री के बाद बिहार के 9वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला।
- गठबंधन सरकार: उनकी सरकार कांग्रेस के नेतृत्व में गठित थी, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण कुछ ही महीनों में गिर गई।
- विपक्ष में सोशित दल का समर्थन खत्म होना: सोशित दल के सदस्यों के विपक्ष में जाने के कारण सरकार का पतन हो गया।
साहित्यिक योगदान और विरासत
हरिहर सिंह न केवल एक राजनेता थे, बल्कि एक प्रतिभाशाली भोजपुरी कवि भी थे। उन्होंने कई देशभक्ति से ओतप्रोत भोजपुरी कविताएं लिखीं, जो आज भी राष्ट्रीय चेतना को प्रेरित करती हैं। उनके साहित्यिक योगदान ने भोजपुरी साहित्य को समृद्ध किया।
उनकी कविताएं न केवल साहित्यिक सौंदर्य का प्रतीक हैं, बल्कि उनमें राष्ट्रभक्ति, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का भी संदेश मिलता है।
- भोजपुरी कविताएं: उनकी कविताओं में भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय एकता के प्रति गहरी भावना झलकती है।
- सांस्कृतिक योगदान: उनके लेखन ने भोजपुरी भाषा और संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।