चंद्रशेखर सिंह: बिहार के 16वें मुख्यमंत्री

Chandrashekhar Singh

चंद्रशेखर सिंह (17 अगस्त 1927 – 9 जुलाई 1986) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और 14 अगस्त 1983 से 12 मार्च 1985 तक बिहार के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में विभिन्न केंद्रीय राज्य मंत्री के पदों पर भी कार्य किया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

चंद्रशेखर सिंह का जन्म 17 अगस्त 1927 को बिहार और उड़ीसा प्रांत के जमुई में हुआ था। उन्होंने अर्थशास्त्र में पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्राप्त की थी।

राजनीतिक करियर

चंद्रशेखर सिंह का राजनीतिक करियर भारतीय राजनीति के ऊंचे शिखर पर था। वे 1952 में सिर्फ 25 वर्ष की आयु में बिहार विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे। इसके बाद, वे 1957, 1969 और 1972 में भी विधानसभा के सदस्य चुने गए। 1980 में उन्होंने बैंक विधानसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त की और बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।

1983 में उन्हें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा बिहार का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री के रूप में, चंद्रशेखर सिंह ने राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का कार्यान्वयन किया।

केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल

चंद्रशेखर सिंह ने 1985 में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और इस पद पर रहते हुए उनका निधन 9 जुलाई 1986 को कैंसर के कारण हुआ।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

चंद्रशेखर सिंह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार कांग्रेस के ‘यंग टर्क्स’ के सदस्य थे। इसमें अन्य प्रमुख नेताओं जैसे बिंदेश्वरी दुबे, भगवत झा आज़ाद, अब्दुल ग़फ़ूर, सत्येन्द्र नारायण सिंह, केदार पांडे आदि का योगदान था।

व्यक्तिगत जीवन

चंद्रशेखर सिंह का वैवाहिक जीवन मनोरा सिंह से हुआ था। उनके तीन बच्चे थे। उनके निधन के बाद, उनकी पत्नी ने उपचुनाव में उनकी सीट पर जीत हासिल की।

उनकी विरासत

चंद्रशेखर सिंह की याद में बिहार के जमुई जिले में एक संग्रहालय खोला गया था। यह संग्रहालय 1983 में राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया गया था, ताकि आसपास के क्षेत्र की पुरानी वस्तुएं और संस्कृति को संरक्षित किया जा सके।

निष्कर्ष

चंद्रशेखर सिंह एक प्रतिष्ठित नेता थे जिन्होंने भारतीय राजनीति और बिहार राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका योगदान आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।

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