बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल (25 अगस्त 1918 – 13 अप्रैल 1982) एक भारतीय राजनेता और मंडल आयोग के अध्यक्ष थे। वे बिहार के मधेपुरा जिले के एक समृद्ध यादव जमींदार परिवार से थे। उन्होंने 1968 में बिहार के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, हालांकि उन्होंने केवल 30 दिनों में ही पद से इस्तीफा दे दिया।
प्रारंभिक जीवन
बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल का जन्म मधेपुरा जिले के एक धनी हिंदू यादव परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा स्थानीय स्तर पर ही हुई और प्रारंभ से ही वे समाजवादी विचारधारा से प्रभावित थे।
राजनीतिक करियर
- 1941: महज 23 वर्ष की आयु में भागलपुर जिला परिषद के सदस्य बने।
- 1952: बिहार विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी से मधेपुरा सीट पर विजय प्राप्त की।
- समाजवादी आंदोलन: राम मनोहर लोहिया के संपर्क में आने के बाद वे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष बने।
1968 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण मात्र 30 दिनों में इस्तीफा दे दिया।
मंडल आयोग
1978 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने उन्हें द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया।
- 1980: मंडल आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए आरक्षण की सिफारिश की गई।
- 1990: प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह ने इस रिपोर्ट को लागू किया, जिससे देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।
- विरासत और सम्मान
- बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल की याद में बिहार में कई स्मारक बनाए गए हैं। उनका जन्मदिन प्रतिवर्ष बड़े समारोह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें उनके परिवार और राज्य के वरिष्ठ नेता शामिल होते हैं।