भारत की आज़ादी की लड़ाई अनेक वीरों के बलिदान की कहानी है, जिनमें कुछ नाम ऐसे हैं जो कम उम्र में ही इतिहास में अमर हो गए। 11 अगस्त 1942 को बिहार की राजधानी पटना में जो घटना घटी, वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। इस दिन सात नौजवान विद्यार्थियों ने अंग्रेजों के शासन के विरुद्ध बगावत कर, सचिवालय भवन पर तिरंगा फहराने का प्रयास किया और शहीद हो गए। ये अमर बलिदानी आज भी ‘सचिवालय के सात शहीद‘ के नाम से याद किए जाते हैं।
सात शहीदों के नाम और विवरण
1. उमाकांत प्रसाद सिन्हा (रमन जी)
- विद्यालय: राम मोहन राय सेमिनरी
- कक्षा: IX
- स्थान: नरेंद्रपुर, सारण
2. रामानंद सिंह
- विद्यालय: राम मोहन राय सेमिनरी
- कक्षा: IX
- स्थान: सहादत नगर, पटना
3. सतीश प्रसाद झा
- विद्यालय: पटना कॉलेजिएट स्कूल
- कक्षा: X
- स्थान: खदहारा, भागलपुर
4. जगतपति कुमार
- कॉलेज: बिहार नेशनल कॉलेज
- कक्षा: बी.ए. द्वितीय वर्ष
- स्थान: खराटी, औरंगाबाद
5. देवीपाड़ा चौधरी
- विद्यालय: मिलर हाई इंग्लिश स्कूल
- कक्षा: IX
- स्थान: सिलहट, जमालपुर
6. राजेंद्र सिंह
- विद्यालय: पटना हाई इंग्लिश स्कूल
- कक्षा: X
- स्थान: बनवारी चक, सारण
7. रामगोविंद सिंह
- विद्यालय: पुनपुन हाई इंग्लिश स्कूल
- कक्षा: IX
- स्थान: दशरथ, पटना
🕊️ बलिदान की प्रेरणादायक गाथा
इन युवाओं ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान साहसिक कदम उठाया। 11 अगस्त को वे पटना सचिवालय पहुंचे और भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का प्रयास किया। अंग्रेजी हुकूमत ने उन पर गोलियां बरसाईं, लेकिन उन्होंने झंडा नहीं छोड़ा और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
आज हम जिस आज़ाद हवा में साँस ले रहे हैं, वह इन वीरों की कुर्बानियों का परिणाम है। हमें न केवल इन शहीदों को याद करना चाहिए, बल्कि अपनी नई पीढ़ी को भी इनके बारे में बताना चाहिए, ताकि देशभक्ति की भावना बनी रहे।
🙏 वंदे मातरम् | जय हिंद |
