जमुई बिहार राज्य के जमुई जिले में स्थित एक नगर और नगरपालिका है। यह जमुई जिले का जिला मुख्यालय भी है। 21 फरवरी 1991 को मुंगेर से अलग होकर इसे नया जिला बनाया गया। यह मुंगेर प्रमंडल का हिस्सा है। यह नगर मुंगेर से लगभग 60 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
ऐतिहासिक महत्व
जमुई का ऐतिहासिक अस्तित्व महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। पुरातात्विक और ऐतिहासिक प्रमाण इसे जैन परंपरा से प्राचीन काल से जोड़ते हैं। आज भी इस क्षेत्र का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र से आच्छादित है।
जमुई नाम की उत्पत्ति के बारे में दो प्रमुख मत हैं। पहला मत कहता है कि यह नाम “जम्भिया ग्राम” या “जृभिकग्राम” से लिया गया है, जहाँ भगवान वर्धमान महावीर को कैवल्य ज्ञान (सर्वज्ञान) की प्राप्ति हुई थी। दूसरा मत कहता है कि जमुई का नाम “जम्बुवनी” से उत्पन्न हुआ है।
भूगोल
जमुई 24.92°N 86.22°E पर स्थित है और इसकी औसत ऊँचाई 78 मीटर (255 फीट) है। यह नगर गंगा के उपजाऊ मैदान और दक्षिण के छोटा नागपुर पठार की पहाड़ियों के बीच संक्रमण क्षेत्र में बसा है। जमुई के पूर्व में बहने वाली किउल नदी मानसून के दौरान उग्र रूप धारण कर लेती है। वर्ष 1949 में आई बाढ़ में इस नदी ने जमुई के उत्तर-पूर्व में पुल को बहा दिया था।
जमुई सड़क मार्ग से देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा है। दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन माल्लेपुर (जमुई रेलवे स्टेशन) से होकर गुजरती है। नजदीकी हवाई अड्डे पटना (161 किमी) और गया (136 किमी) में स्थित हैं।
यह नगर बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित है और इसके आसपास की पहाड़ियों में बसा है। प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सिमुलतला भी इसी जिले के झाझा प्रखंड में स्थित है। जमुई के निकट गिद्धौर नामक ऐतिहासिक नगर है, जो ब्रिटिश राज के समय राजाओं की राजधानी थी। यहाँ स्थित मिंटो टॉवर उस युग की भव्य वास्तुकला का उदाहरण है। जमुई जिला जैन धर्म के उद्गम स्थलों के रूप में भी प्रसिद्ध है।
यह क्षेत्र माइका, कोयला, सोना और लौह अयस्क जैसे खनिज संसाधनों के भंडार के लिए भी जाना जाता है।
इतिहास
जमुई के पास स्थित एक पुरातात्विक स्थल है—इंडपेगढ़ किला, जो इंडपे गांव में स्थित है। आज का जमुई गिद्धौर रियासत के अधीन था, जिसे चंदेल राजपूतों ने 1262 में स्थापित किया और 1952 तक शासित किया।
20वीं सदी के आरंभ में जमुई एक लंबी सड़क के रूप में विकसित हुआ था, जो रेलवे रोड के विस्तार के रूप में था। यहां की मुख्य सड़क के दोनों ओर दुकानों और आवासीय इलाकों का विकास हुआ। यहाँ के प्रमुख भवनों में सब-डिवीजन कार्यालय, थाना, अस्पताल (1874), और डाक बंगला शामिल थे। नेहरू मैदान, गांधी अध्ययन मंडल, और 1939 में स्थापित गिलानी गर्ल्स स्कूल भी इसी काल के दौरान बने।
1949 में आई बाढ़ के बाद किउल नदी पर नया पुल बनाया गया। 1960 तक जमुई में कोऑपरेटिव बैंक, लड़कों का हाई स्कूल, बाल उद्यान, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, और पुस्तकालय सहित कई सुविधाएं उपलब्ध थीं। सड़क परिवहन और यातायात धीरे-धीरे बढ़ने लगे थे।
जनसांख्यिकी
2011 की जनगणना के अनुसार, जमुई की जनसंख्या 87,357 है। इनमें पुरुषों की संख्या 52.6% और महिलाओं की 47.26% है। यहाँ की औसत साक्षरता दर 64.33% है, जो राष्ट्रीय औसत 74.04% से कम है। पुरुष साक्षरता 57.39% और महिला साक्षरता 42.6% है। यहाँ की 16.22% जनसंख्या 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की है।