भारत की आज़ादी के बाद बिहार में सबसे पहले डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (Kayastha जाति) मुख्यमंत्री बने। उनके बाद से अब तक कई जातियों के नेताओं ने मुख्यमंत्री का पद संभाला।
हालाँकि अगर जातीय आधार पर देखें तो सबसे लंबे समय तक यादव समाज (OBC) ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्ज़ा जमाए रखा, जबकि दलित समाज से सिर्फ एक ही बार नेता मुख्यमंत्री बन पाए।
दलित मुख्यमंत्री (Scheduled Caste)
भोला पासवान शास्त्री (Paswan)
- कार्यकाल:
- 22 मार्च 1968 – 29 जून 1968 (99 दिन)
- 22 जून 1969 – 4 जुलाई 1969 (12 दिन)
- 2 जून 1971 – 9 जनवरी 1972 (221 दिन)
- कुल कार्यकाल: लगभग 332 दिन
👉 भोला पासवान शास्त्री बिहार के इतिहास में एकमात्र दलित मुख्यमंत्री रहे।
यादव मुख्यमंत्री (Other Backward Classes – OBC)
लालू प्रसाद यादव
- जाति: यादव
- कार्यकाल:
- 10 मार्च 1990 – 28 मार्च 1995 (5 साल)
- 4 अप्रैल 1995 – 25 जुलाई 1997 (2 साल 3 महीने)
- कुल कार्यकाल: लगभग 2,692 दिन (7 साल 4 महीने)
👉 लालू प्रसाद यादव सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले ओबीसी नेता बने।
राबड़ी देवी
- जाति: यादव
- कार्यकाल:
- 25 जुलाई 1997 – 11 फरवरी 1999 (596 दिन)
- 9 मार्च 1999 – 2 मार्च 2000 (360 दिन)
- कुल कार्यकाल: लगभग 956 दिन (2 साल 7 महीने)
👉 राबड़ी देवी न केवल यादव समाज से थीं, बल्कि बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री भी बनीं।
बी. पी. मंडल
- जाति: यादव
- कार्यकाल: 1 फरवरी 1968 – 22 मार्च 1968 (50 दिन)
👉 यही वही मंडल हैं जिन्होंने आगे चलकर मंडल कमीशन की सिफारिशें दीं, जिसने भारत की राजनीति में पिछड़ों को नई पहचान दिलाई।
अन्य पिछड़ी जातियाँ (OBC)
सतीश प्रसाद सिंह (Koeri)
- कार्यकाल: 28 जनवरी 1968 – 1 फरवरी 1968 (सिर्फ 4 दिन)
👉 उनका कार्यकाल बिहार के मुख्यमंत्री इतिहास का सबसे छोटा रहा।
कर्पूरी ठाकुर (Nai/Barber caste)
- कार्यकाल:
- 22 दिसंबर 1970 – 2 जून 1971 (162 दिन)
- 24 जून 1977 – 21 अप्रैल 1979 (665 दिन)
- कुल कार्यकाल: लगभग 827 दिन (2 साल 3 महीने)
👉 इन्हें “जननायक” कहा जाता है और ये पिछड़ों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं।
ऊँची जातियों (Forward Castes) का योगदान
हालाँकि आपने पूछा जाति के आधार पर दिनों की गिनती, तो ज़्यादातर चर्चाएँ OBC और दलितों पर हुईं। लेकिन बिहार के शुरुआती मुख्यमंत्रियों में ब्राह्मण, भूमिहार और कायस्थ जैसी ऊँची जातियों का भी लम्बा शासन रहा है।
- डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (कायस्थ) – 1946 से 1961 तक लगातार (≈15 साल) बिहार के पहले और सबसे लंबे समय तक रहने वाले सीएम रहे।
- जगन्नाथ मिश्र (ब्राह्मण) – तीन बार मुख्यमंत्री बने और कुल लगभग 10 साल सत्ता में रहे।
👉 यानी, बिहार की राजनीति में शुरूआती दौर में फॉरवर्ड जातियों का वर्चस्व रहा, लेकिन 1990 के बाद से पिछड़ी जातियों ने सत्ता पर मजबूत पकड़ बना ली।
बिहार के मुख्यमंत्री जाति अनुसार – सारांश तालिका
जाति (Community) | मुख्यमंत्री | कुल कार्यकाल (दिनों में) |
---|---|---|
पासवान (SC) | भोला पासवान शास्त्री | 332 दिन |
यादव (OBC) | लालू प्रसाद यादव | 2,692 दिन |
यादव (OBC) | राबड़ी देवी | 956 दिन |
यादव (OBC) | बी. पी. मंडल | 50 दिन |
कोइरी (OBC) | सतीश प्रसाद सिंह | 4 दिन |
नाई (OBC) | कर्पूरी ठाकुर | 827 दिन |
कायस्थ (Forward Caste) | श्रीकृष्ण सिंह | ~15 साल |
ब्राह्मण (Forward Caste) | जगन्नाथ मिश्र | ~10 साल |
बिहार की राजनीति में जातीय पैटर्न
- 1950–1989: इस दौर में फॉरवर्ड जातियों (ब्राह्मण, भूमिहार, कायस्थ) का दबदबा रहा।
- 1990–2005: पिछड़ों (OBC) खासकर यादव जाति की राजनीति का दौर रहा।
- 2005 से अब तक: नीतीश कुमार (कुर्मी जाति, OBC) ने सत्ता संभाली और बिहार की राजनीति को नया संतुलन दिया।
बिहार में जाति और राजनीति पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. बिहार का पहला मुख्यमंत्री कौन था और किस जाति से था?
👉 डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (कायस्थ जाति) पहले मुख्यमंत्री बने।
Q2. बिहार का सबसे लंबा कार्यकाल किस जाति के मुख्यमंत्री ने संभाला?
👉 कायस्थ जाति के श्रीकृष्ण सिंह ने ≈15 साल और यादव जाति के लालू प्रसाद यादव ने ≈7 साल से ज्यादा।
Q3. बिहार का सबसे छोटा मुख्यमंत्री कार्यकाल किसका रहा?
👉 कोइरी जाति के सतीश प्रसाद सिंह का, केवल 4 दिन।
Q4. क्या बिहार में दलित समाज से कोई मुख्यमंत्री बना है?
👉 हाँ, भोला पासवान शास्त्री दलित (पासवान) समाज से थे।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा सत्ता की कुंजी साबित हुए हैं।
- शुरुआती दशकों में फॉरवर्ड जातियाँ (ब्राह्मण, कायस्थ, भूमिहार) ने लंबे समय तक शासन किया।
- 1970–1990 के बीच पिछड़ों की राजनीति मजबूत हुई, जिसमें कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता उभरे।
- 1990 के बाद यादव जाति ने सबसे लंबा वर्चस्व बनाया।
- दलित समाज से अब तक सिर्फ भोला पासवान शास्त्री ही मुख्यमंत्री बन पाए।