बिहार के प्रमुख शिव मंदिर

Bihar Shiv Mandir

1. बाबा गरीबनाथ धाम (मुज़फ़्फरपुर)

  • विवरण: मुज़फ़्फ़रपुर में स्थित यह मंदिर बाबा गरीबनाथ के रूप में पहचाना जाता है, जिन्हें ‘देवघर ऑफ बिहार’ कहा जाता है। माना जाता है कि एक पेड़ काटने पर रक्त जैसा पदार्थ निकलने से वहां शिवलिंग मिला था और सपने में बाबा ने दर्शन दिए। यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है ।
  • विशेषता: सावन और महाशिवरात्रि पर भक्तों का विशेष उत्साह दिखाई देता है, बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं |

2. अजगैबीनाथ मन्दिर (भागलपुर, सुल्तानगंज)

  • विवरण: गंगा के किनारे बना ये मंदिर अपने स्वरूप में सवयम्भू शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण प्राचीन पाल वंश में माना जाता है |
  • विशेषता: यहाँ से श्रद्धालु गंगा का जल उठाकर बाड़ेयानाथ धाम (देवघर) के लिए कांवड़ यात्रा करते हैं, जिससे यह यात्रा–स्थल भी धार्मिक महत्व प्राप्त करता है |

3. ब्रह्मेश्वरनाथ मन्दिर (बक्सर)

  • विवरण: यह शिवलिंग स्वयंभू माने जाते हैं और मंदिर पश्चिम की ओर मुख किए हुए हैं—एक अनूठी वास्तुविशेषता है
  • विशेषता: कहा जाता है कि इस स्थान पर ब्रह्मा जी ने शिवलिंग स्थापित किया था। भक्तों को चारों पुरुषार्थों (अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष) की प्राप्ति की कामनाएं यहाँ पूरी होती हैं

4. मुंडेश्वरी धाम (कैमूर, Kaimur)

  • विवरण: विश्व के सबसे पुराने सक्रिय मंदिरों में एक, इसका इतिहास 105‑108 ईस्वी तक जाता है। शिव और शक्ति दोनों की पूजा होती है। यह मंदिर गुप्त वंश के समय से संबंधित है और इसकी छत चौकोर/आठ‑कोणीय है
  • विशेषता: कथन है कि goats को अनोखी तरह से अचेत किया जाता है—बिना चोट पहुँचाए—जिसे स्थानीय चमत्कार माना जाता है

5. उगना महादेव मंदिर (भवानीपुर, मधुबनी)

  • विवरण: मिथिला के प्रसिद्ध विद्यापति‑कथा से जुड़ा यह मंदिर है। भगवान शिव एक सेवक ‘उगना’ बनकर विद्यापति की सेवा में आए थे। वे अंततः अपना रूप दिखाकर शिवलिंग में स्थिर हुए। भक्त उन्हें ‘उगना बाबा’ के रूप में पूजते हैं
  • विशेषता: दर्शन, सोमवार, महाशिवरात्रि तथा सावन के अवसर पर भारी भीड़ रहती है

6. कुशेश्वरस्थान शिव मंदिर (दरभंगा)

  • विवरण: पुराणों के अनुसार इसे भगवान राम के पुत्र कुश ने स्थापित किया। एक चरवाहा के सपना व गाय के दूध गिरने पर पाया गया शिवलिंग, कहानी का भाग है। 18वीं शताब्दी में रानी कलावती ने भव्य मंदिर निर्माण करवाया था
  • विशेषता: महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

7. सुन्दरनाथ धाम (कुर्साकांटा, आररिया)

  • विवरण: यह मंदिर भारत‑नेपाल सीमा के पूर्वी मिथिला क्षेत्र में स्थित है। पांडवों के अज्ञातवास के समय से जुड़ी है और शिव की आराधना का इतिहास माना जाता है
  • विशेषता: महाशिवरात्रि और पूर्णिमा मेले लगते हैं और नेपाल एवं बिहार दोनों ओर से भक्त आते हैं

8. गुप्तेश्वर महादेव गुफा (Gupteshwar Cave Temple, रोहतास)

  • विवरण: यह एक प्राकृतिक गुफा मंदिर है जिसमें प्राकृतिक रूप से बना शिवलिंग है। कहा जाता है कि बास्मासुर नामक दानव को भगवान शिव ने यहीं पर मारा था
  • विशेषता: शांत और रहस्यमयी वातावरण, पारंपरिक भक्तियों के लिए अनोखा अनुभव।

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