Non-stop chants of Sita-Ram are being done from past 61 years in Baghi dham,Bihar

अपने बिहार की राजधानी पटना से 150 KM दूर सीतामढ़ी जिले में एक शिव मंदिर जिसे बगही धाम के नाम से जाना जाता है |
इस धाम में विगत 61 वर्षो से लगातार भगवान का कीर्तन चल रहा है सुनने में अविश्वनीय जरूर लग रहा है पर भी लोग इस धाम से वाकिफ है उन्हें ये पता है की 1954 से ही गुरु नारायण दास के द्वारा शुरू किया हुआ,अखंड संकीर्तन आज भी चल रहा है इसका संचालन स्थानीय ग्रामीणों और आश्रम में रहने वाले संतो के सम्मिलित प्रयास से निरंतर चल रहा है |और इसे दो-दो घंटे के पारी में बांटा गया है,हरेक दो घंटे के अंतराल में निर्धारित समूह योगदान दे कर इसे सुचारु रूप से चलाता है
|आज यह धाम सीतमढी सहित आस पास के पांच छह जिलों में जैसे दरभंगा,मधुबनी ,मोतिहारी शिवहर,मुज़फरपुर ,मोतिहारी और नेपाल के लोगो का आस्था का केंद्र है |बाबा ने जन सहयोग से उस स्थान पर एक 108 कमरों का चार मंजिला भवन बनवाया। यह एक गोल भवन की तरह है। जिसमें चार द्वार है |

बाबा नारायण दास का जन्म बगही गांव के एक साधारण परिवार में 17 फरवरी 1917 को हुआ था। बाबा का वास्तविक नाम छतर दास यादव था। जो बाद में तपस्वी नारायण दास के नाम से ख्यात हुए। सवा दो सौ साल पहले रंजीतपुर गांव के भूल्लर साह रौनियार ने यहां मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर में आकर बाबा नारायण दास तप करने लगे। तप के माध्यम से उन्होंने अलौकिक शक्ति प्राप्त की और निकल पड़े जन कल्याण की राह पर। उन्होंने राम नाम जाप के लिए पूरे देश में भ्रमण किया। राम नाम का जाप करते हुए वृंदावन में बाबा ने 7 दिसंबर 2000 को अपने शरीर का त्याग किया।

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