MAHADEV SIMARIA ,JAMUI

महादेव सिमरया मंदिर तक पहुंचने के लिए मुख्य जमुई -सिकंदरा मार्ग से एक सड़क जुडी है, जो की एकमात्र रास्ता है|

इस मंदिर के विषय में एक प्रमुख कथा है, की परसण्डा के राजा श्री पूरणमल सिंह महादेव के अनन्य भक्त थे और हमेशा बाबा महादेव के दरबार देवघर में जाते थे एक बार नदी में काफी पानी होने के कारण वो कई बार प्रयास करने के बाद भी देवघर पूजा करने नहीं जा सके तो काफी व्यथित हो गए इसी दरम्यान सीमारिआ गांव में एक धनेश्वर नाम का कुम्हार रहता था वह मिटटी लेने गया तो खुदाई के दौरान एक शिवलिंग के रूप का पत्थर मिला उसे उठा कर दूसरे स्थान पैर रख कर मिटटी की खुदाई कर चला गया अगले दिन जब वह पुनः मिटटी लेने गया थो पथर अपने पुराने स्थान पर मिला यह सिलसिला कई दिनों तक चला फिर इसकी खबर राजा पुराण मल को मिली फिर राजा ने मंदिर का निर्माण कराया जो आज भी उसी स्वरूप में स्तिथ है |


आसपास के ग्रामीणों की आस्था का केंद्र बना मदिर आज भी सरकारी नज़रअंदाज़ी का दंश झेल रहा है पर स्थानीय लोगो के प्रयास से मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है

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