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‘चार्ली चैपलिन’ के नाम से फेमस है बिहार का ये एक्टर राजन कुमार

अपने बिहार के रहने वाले राजन कुमार बहुमुखी प्रतिभा के धनी है अपने मेहनत के बल मुंगेर,बिहार के एक छोटे से गांव टेटियाबम्बर से निकलकर कला जगत में अपना स्थान बनाया। एक्टर राजन कुमार चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) का किरदार निभाने के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड (Limca Book of Records) में नाम दर्ज करवा चुके है।

राजन कुमार ने अपने करियर की शुरुआत थियेटर से की थी. इसके बाद टीवी सीरियल सीआईडी, ये हवाएं, हीरो, लापतागंज, चिड़ियाघर और सीआईडी में काम किया. हिंदी फिल्म ‘एजेंट विनोद’ और ‘बंटी बबली’ में भी उन्होंने अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने 1 मई को अपनी स्थापना के 100 साल पूरे कर लिए हैं. इस खास मौके पर शताब्दी समारोह भव्य रूप से मनाया गया जिसमें मुंगेर के राजन कुमार को एआईआईपीपीएचएस स्टेट गवर्मेंट यूनिवर्सिटी दिल्ली द्वारा ऑनरेरी डॉक्टरेट की डिग्री दी गई है. उन्हें उनकी पिछले 25 वर्षों की कला के क्षेत्र में उपलब्धियों को देखते हुए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया है।

हमारे टीम की तरफ से राजन कुमार जी को हार्दिक बधाई |

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बिहार के लड़के साकिबुल गनी ने प्रथम श्रेणी में ट्रिप सेंचुरी के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया

प्रथम श्रेणी डेब्यू पर तिहरा शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज साकिबुल गनी (मोतिहारी,बिहार) ने कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी कैंपस 2 ग्राउंड में मिजोरम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी प्लेट ग्रुप मैच में 56 चौकों और 2 छक्कों की मदद से सिर्फ 405 गेंदों पर 341 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 84.20 का बनाए रखा।

अपने किसान पिता द्वारा रोके गए, अजय रात्रा (भूतपूर्व विकेट कीपर) तराशे गए , साकिबुल गनी ने अपने राज्य का नाम इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज करा दिया।

THANKS SAKIBUL GANI FOR GIVING US CHANCE TO ENJOY THIS PROUD BIHARI MOVEMENT

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The Seven Martyr at Patna Secretariat – 1942

भारत माता के सपूतों के नामों :
11 अगस्त 1942 को पटना के पास सचिवालय भवन में भारत का झंडा फहराने वाले सात शहीदों को सलाम |

1.उमाकांत प्रसाद सिन्हा (रमन जी) - राम मोहन राय सेमिनरी, कक्षा IX, नरेंद्रपुर, सारण

2.रामानंद सिंह - राम मोहन राय सेमिनरी, कक्षा IX, सहादत नगर, पटना

3.सतीश प्रसाद झा - पटना कॉलेजिएट स्कूल, दसवीं कक्षा, खदहारा, भागलपुर

4.जगतपति कुमार - बिहार नेशनल कॉलेज, द्वितीय वर्ष, खराटी, औरंगाबाद

5.देवीपाड़ा चौधरी - मिलर हाई इंग्लिश स्कूल, कक्षा IX, सिलहट, जमालपुर

6.राजेंद्र सिंह - पटना हाई इंग्लिश स्कूल, दसवीं कक्षा, बनवारी चक, सारण

7.रामगोविंद सिंह - पुनपुन हाई इंग्लिश स्कूल, नौवीं कक्षा, दशरथ, पटना
seven martyr Bihar
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गोलियों को हंसते-हंसते अपने सीने में समा लिया: सतीश प्रसाद झा

बांका जिले में शहीदों के नाम आते ही सतीश प्रसाद झा के नाम लोगों के जुबां पर बरबस ही आ जाते हैं। इनका नाम भारत माता के उन सपूतों के नामों में शुमार रहे हैं जो गुलाम भारत को आजाद कराने में देश के अन्य रणबांकुरों की तरह अपनी-अपनी कुर्बानियां दे दी थी।11 अगस्त 1942 को पटना के पास सचिवालय भवन में भारत का झंडा फहराने वाले सात शहीदों में से एक थे सतीश प्रसाद झा


सतीश चंद्र झा आजादी की लड़ाई में महज 17 साल की छोटी उम्र में अंग्रेजों की गोलियों को हंसते-हंसते अपने सीने में समा लिया थे। पटना के उस समय के जिलाधिकारी डब्ल्यू जी आर्थर के आदेश पर पुलिस ने गोलियां चलाई थीं। इसमें लगभग 13 से 14 राउंड गोलियों की बौछार हुई थी

देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले शहीद सतीश ने 11 अगस्त 1942 को भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर, अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहादत को गले लगाया।शहीद स्मारक सात शहीदों की एक जीवन-आकार की मूर्ति है जिसे आज भी पटना में सचिवालय भवन के बाहर देखा जा सकता है। इन युवाओं ने भारत छोड़ो आन्दोलन (अगस्त 1942) में सचिवालय भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया था।

stamp on seven martyr of Patna
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Asia first railway workshop is in Bihar

जमालपुर रेलवे वर्कशॉप एशिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी वर्कशॉप है। 8 फरवरी 1862 को बिहार के मुंगेर में स्थापित, ईस्ट इंडिया रेलवे द्वारा पहली पूर्ण रेलवे वर्कशॉप है।जमालपुर वर्कशॉप ने भारतीय रेलवे पर सबसे विविध निर्माण गतिविधियों के साथ सबसे बड़ी और सबसे पुरानी लोकोमोटिव मरम्मत कार्यशाला होने का गौरव प्राप्त किया है।

Area: 574,654 sq. meters
Staff: 11,485
No.of Machinery & Plants: 1628
Power consumed: 7 MVA
Annual Turnover: Rs.1.56 billion

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Arwal

अरवल शहर बिहार राज्य में अरवल जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह पहले जहानाबाद जिले का हिस्सा था। क्षेत्र में नक्सलवाद को नियंत्रित करने के लिए जिला बनाया गया है। जिले का गठन दो निकटवर्ती जिलों यानी जहानाबाद और औरंगाबाद के क्षेत्र से हुआ था। अरवल, जिला मुख्यालय राज्य की राजधानी पटना से लगभग 80 किमी दूर है। अरवल शहर सोन नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है, जो गंगा नदी की एक सहायक नदी है

Son River Arwal Bihar
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List of Districts of Bihar

Bihar is a state in eastern India. It is the third-largest state by population and twelfth-largest by territory, with an area of 94,163 km2 (36,357 sq mi). Bihar borders Uttar Pradesh to its west, Nepal to the north, the northern part of West Bengal to the east, and with Jharkhand to the south. The Bihar plain is split by the river Ganges, which flows from west to east.Bihar is also the world’s fourth-most populous subnational entity.

Araria
Arwal
Aurangabad
Banka
Begusarai
Bhagalpur
Bhojpur
Buxar
Darbhanga
East Champaran (Motihari)
Gaya
Gopalganj

Jamui
Jehanabad
Kaimur (Bhabua)
Katihar
Khagaria
Kishanganj
Lakhisarai
Madhepura
Madhubani
Munger (Monghyr)
Muzaffarpur
Nalanda
Nawada
Patna
Purnia (Purnea)
Rohtas

Saharsa
Samastipur
Saran
Sheikhpura
Sheohar
Sitamarhi
Siwan
Supaul
Vaishali
West Champaran

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बिहार की बोलियां/भाषाएँ

बिहारियों से अक्सर राज्य के बाहर पूछा जाता है: “क्या आप बिहारी बोलते हैं?”, एक ऐसा सवाल जो उन्हें अजीब लग सकता है। आम धारणा के विपरीत, ‘बिहारी’ जैसी कोई भाषा नहीं है और बिहार के सभी लोग भोजपुरी नहींबोलते हैं। जबकि हिंदुस्तानी-हिंदी और उर्दू का बोलचाल का मिश्रण- पूरे बिहार में बोली जाती है, विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग बोलियाँ हैं। पाँच प्रमुख बोलियाँ हैं- भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और वज्जिका । इन बोलियों के अधिकांश बोलनेवाले, हिंदी को आसानी से समझ सकते हैं।


1.मैथिली:

मैथिली मुख्य रूप से बिहार के मिथिला क्षेत्र-दरभंगा, सहरसा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मधेपुरा और सुपौल में बोली जाती है।कविशेखराचार्य का वर्ण रत्नाकर, जो 14वीं शताब्दी का है, मैथिली में सबसे पहला लिखित पाठ है।
2.भोजपुरी:
भोजपुरी मुख्य रूप से भोजपुर, बक्सर, सारण, चंपारण, कैमूर और रोहतास जिलों में बोली जाती है। यह पूर्वी उत्तरप्रदेश की मुख्य बोली भी है। औपनिवेशिक युग के दौरान, बिहार के किसान गुयाना, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो,सूरीनाम और फिजी में गन्ने के बागानों में गिरमिटिया मजदूर के रूप में काम करने के लिए चले गए जिसके कारण,इनमें से कुछ देशों में भोजपुरी आज भी बोली जाती है ।
4.बज्जिका:
बज्जिका बड़े पैमाने पर बिहार के बज्जिकांचल क्षेत्र-वैशाली, मुजफ्फरपुर, शिवहर, समस्तीपुर और सीतामढ़ी और चंपारण के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। पड़ोसी देश नेपाल में भी लोग बज्जिका भाषा बोलते हैं। बज्जिका को पहले वैशाली की बोली के नाम से जाना जाता था।
4.अंगिका:
अंगिका मुख्य रूप से अंग क्षेत्र (दक्षिण-पूर्वी बिहार) में बोली जाती है जिसमें मुंगेर, कटिहार, भागलपुर, जमुई और बांका जिले शामिल हैं।प्रसिद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन के अनुसार, सबसे पुराना लिखित हिंदी साहित्य अंगिका में बौद्ध तांत्रिक सिद्धाचार्य और कवि सरहा के छंद हैं जो लगभग 800 ईस्वी पूर्व के हैं।
5.मगधी:
(मगही के रूप में भी जाना जाता है) मुख्यतः पटना, नालंदा, गया, नवादा, जहानाबाद और औरंगाबाद जिलों में बोली जाती है।

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Son of Bihar topped in UPSC 2020

यूपीएससी(UPSC) में बिहार के लाल ने एक बार फिर कमाल किया है. बिहार के कटिहार जिले के शुभम कुमार(Shubham Kumar) ने UPSC परीक्षा में टॉप किया

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा-2020 का परिणाम घोषित कर दिया है। इसबार यूपीएससी परीक्षा में 761 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। बिहार के कटिहार निवासी शुभम कुमार (Roll No. 1519294) ने देशभर में टॉप किया है। वहीं बिहार के जमुई जिले चकाई बाजार निवासी सीताराम वर्णवाल के पुत्र प्रवीण कुमार ने सातवां स्थान हासिल किया है। यूपीएसससी सीएसई 2020 फाइनल रिजल्ट में कुल 25 अभ्यर्थियों ने टॉप किया है,इनकी सफलता ने एक बार फिर से बिहार का गौरव बढ़ाया है. शुभम और प्रवीण कुमार लाखों युवाओं की प्रेरणा हैं.इससे पहले 1987 में आमिर सुबहानी, 1996 में सुनील वर्णवाल तथा 2001 में अलोक रंजन झा यूपीएससी में टाप करने वाले बिहार के अभ्यर्थी थे।

धन्यवाद् दिल की गहराई से,
हम बिहारियों को गर्वित महसूस कराने के लिए !

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A Bihari who won of all highest Indian civilion awards :Shehnai Maestro

एक बिहारी जिसने सभी सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार जीते: शहनाई उस्ताद

बिस्मिल्लाह खान, मूल नाम कमरुद्दीन खान, का जन्म 21 मार्च, 1916, डुमरांव, बिहार,भारत में हुआ था।विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का जन्म 21 मार्च, 1916 को डुमरांव,बिहार में हुआ था। उनके पिता बिहार के डुमरांव एस्टेट के महाराजा केशव प्रसाद सिंह के दरबार में एक दरबारी संगीतकार थे।बचपन में बिस्मिल्लाह खान नियमित रूप से अपने गांव के पास के बिहारीजी के मंदिर में भोजपुरी ‘चैता’ गाने के लिए जाते थे जहाँ डुमराव महाराज के हाथो से पुरस्कार में 1.25 किलो वजन का एक बड़ा लड्डू जितने वाला छोटा लड़का इसी संगीत के कारण भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार अर्जित करेगा इसका अंदाजा किसीको नहीं था।शहनाई को शास्त्रीय मंच पर लाने के लिए पूरा श्रेय इन्ही को जाता है क्योकि इससे पहले शहनाई को सिर्फ कुछ आयोजनों विवाह समारोहों तक ही सीमित था ।


युवा लड़के ने जीवन की शुरुआत में ही संगीत को अपना लिया। जब वो अपनी माँ के साथ अपने ननिहाल बनारस गए , और अपने मामाओं को संगीत का अभ्यास करते हुए देखकर मोहित हो गए ,और फिर संगीत की साधना में लग गए। अपने मामा के साथ नित्य दिन विष्णु मंदिर जाना शुरू किया जहाँ उनके मामा शहनाई बजाने जाते और धैर्य से मामा को सुनते और संगीत की बारीकियों को सीखने लगे । जिसका प्रतिफल स्वरूप बिस्मिलाह खा अब शहनाई उस्ताद के नाम से देश विदेशो तक जाने जानने लगे ।
जब 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली,इस विशेष दिन को यादगार बनाने के अपने बिहार के लाल बिस्मिल्लाह खाँ पहले भारतीय संगीतकार जिनको लाल किले पर आमंत्रण मिला और इन्होने अपनी शहनाई के सुरो की बरसात से दर्शको का दिल जीत लिया।

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First cardilologist of India was a Bihari

Bihar ने दिया था India को पहला Cardiologist

डॉ श्रीनिवास का जन्म 1919 में बिहार के समस्तीपुर जिले के बिरसिंहपुर गाँव में एक जमींदार परिवार में हुआ था।उन्होंने समस्तीपुर जिले के किंग एडवर्ड हाई स्कूल में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में 1936 में पटना साइंस कॉलेज में प्रवेश लिया। उन्होंने प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से एमबीबीएस कोर्स किया, जिसे अब पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) कहा जाता है।डॉ. एस श्रीनिवास भारत से 1947 में कॉर्डियोलॉजिस्ट की ट्रेनिंग के लिए अमरीका गए थे. उन्हें मॉर्डन कॉर्डियोलॉजी के पिता पॉल डी व्हाइट से मिली ट्रेनिंग और वो उनसे ट्रेनिंग पाने वाले इकलौते भारतीय डॉक्टर हैं. ट्रेनिंग के बाद साल 1950 में वो भारत लौटे और पटना मेडिकल कॉलेज में हृदय रोगियों के लिए विभाग बनाया. वो इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ़ कॉर्डियोलॉजी के संस्थापक निदेशक रहे और उनके सम्मान में साल 2017 में भारत सरकार के डाक विभाग ने पोस्टल इनवेलेप जारी किया।

  • डॉ श्रीनिवास पहली बार भारत में आधुनिक ईसीजी मशीन लेकर आए थे।
  • डॉ श्रीनिवास साल 1958 में ईसीजी सिद्धांत दिया ,जिसमे उन्होंने बताया की दो इंसानों के ईसीजी एकसमान नहीं होते, तो इसका प्रयोग इंसानी पहचान के लिए किया जा सकता है।
  • डॉ श्रीनिवास साल 1960 में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का विचार भी दिया और एलोपैथी, होम्योपैथी, यूनानी,आयुर्वेद और नेचुरापैथी को मिलाकर 1977 में पॉलीपैथी (POLYPATHY)की शुरुआत की और इन्हे पॉलीपैथी के जनक के रूप में जाने जाते है।

8 नवंबर, 2010 में निधन होने तक पटना के व्यस्ततम डॉक्टर बने रहे. श्रीनिवास के बेटे तांडव आइंस्टीन समदर्शी और पोते सत्य सनातन श्रीनिवास विरासत बढ़ा रहे हैं।

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GOGABEEL, AN OX-BOW LAKE IS BIHAR’S FIRST COMMUNITY RESERVE

बिहार में का बा ?

कटिहार के मनिहारी ब्लाक में गोगाबिल झील है। करीब 217 एकड़ में फैली यह झील एक ओर गंगा तो दूसरी ओर महानंदा से घिरी है। साल में चार से छह महीने तक खेतों में पानी भरा रहने के कारण ग्रामीण एक ही फसल ले पाते हैं। अब इस जलभराव और यहां की हरियाली अभ्यारण्य में बदलने की तैयारी गांव वालों ने कर ली है। ढाई सौ से अधिक ग्रामीणों ने अपनी जमीन गोगाबिल पक्षी अभ्यारण्य विकसित करने के लिए दी है।
हाल ही में गोगाबील को बिहार का पहला सामुदायिक रिज़र्व घोषित किया गया है जो बिहार का 15वाँ संरक्षित क्षेत्र (Protected एरिया) भी है।बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के इंडियन बर्ड कंज़र्वेशन नेटवर्क द्वारा गोगाबील को वर्ष 1990 में एक बंद क्षेत्र (Closed Area) के रूप में अधिसूचित किया गया था। 
इस बंद क्षेत्र (Closed Area) की स्थिति को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत संरक्षित क्षेत्र में बदल दिया गया। 
इंडियन बर्ड कंज़र्वेशन नेटवर्क द्वारा वर्ष 2004 में गोगाबील को बाघार बील और बलदिया चौर सहित भारत का महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र घोषित किया गया था।
गोगाबील एक स्थायी जल निकाय है, हालाँकि यह गर्मियों में कुछ हद तक सिकुड़ती है लेकिन कभी पूरी तरह से सूखती नहीं है।
इस स्थल पर 90 से अधिक पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया गया है, जिनमें से लगभग 30 प्रवासी हैं। इस स्थल पर ब्लैक इबिस, एश्ली स्वॉल श्रीके, जंगल बब्बलर, बैंक मैना, रेड मुनिया, उत्तरी लापविंग और स्पॉटबिल डक जैसी अन्य प्रजातियांँ मिलती हैं।
IUCN द्वारा लेसर एडजुटेंट स्टॉर्क (Lesser Adjutant Stork) को सुभेद्य (Vulnerable) घोषित किया गया है, वहीं ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, व्हाइट इबिस और व्हाइट-आईड पोचर्ड को संकटापन्न (Near Threatened) श्रेणी में रखा गया लम्बे समय तक जलमग्न रहने वाले इस क्षेत्र को हरियाली अभ्यारण्य में बदलने की तैयारी गांव वालों ने कर ली है. ढाई सौ से अधिक ग्रामीणों ने अपनी जमीन गोगाबिल पक्षी अभ्यारण्य विकसित करने के लिए राज्य सरकार को दे दी है. यहां करीब 73.78 एकड़ सरकारी जमीन पर कंजर्वेशन रिजर्व बनाया गया है. जबकि ग्रामीणों की 143 एकड़ भूमि पर गोगाबिल सामुदायिक पक्षी अभ्यारण्य घोषित किया गया है |
कटिहार के मनिहारी ब्लाक में ग्रामीणों ने अनूठी पहल की है। यहां के मौजा जंगला टाल इंग्लिश के निवासियों ने अपनी 143 एकड़ बिहार का पहला सामुदायिक पक्षी अभ्यारण्य बनाने की पहल की है। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है। अब इस रैयती भूमि पर ईको टूरिज्म विकसित होगा। इलाके की तस्वीर बदलेगी। देश-दुनिया से आने वाले प्रवासी पक्षियों का यहां बसेरा होगा।सरकार-ग्रामीण मिलकर बना रहे आचार संहिता इस इलाके में क्या होगा और क्या नहीं यह विभाग और गांव वाले मिलकर तय कर रहे हैं। अब वहां शिकार नहीं होगा। जंगल के पेड़-पौधे भी नहीं काटे जाएंगे। वहां बोर्ड लगेंगे। बोर्ड पर वहां के नक्शे के साथ लिखा जाएगा कि क्या-क्या प्रतिबंधित है। इलाके की हदबंदी की जाएगी।

बिहार में ई बा !

प्रेषक :- बिपिन बिहारी प्रसाद
Email prasad.bipin98@gmail.com

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Indian currency signed by a Bihari : LAXMI KANT JHA

 "देश की आर्थिक नीतियों के निर्माता,विश्वविख्यात प्रशासक,राजनयिक, अर्थशास्त्री और अंतिम समय तक अपने काम के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध रहे।"

श्री लक्ष्मी कांत झा (LAXMI KANT JHA), का जन्म 22 November 1913,अपने बिहार के दरभंगा जिले में हुआ था | ।इन्होने अपनी शिक्षा बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) ,ट्रिनिटी कॉलेज , कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ,और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स ,U.K . प्राप्त की |श्री झा भारतीय सिविल सेवा के 1936 बैच के सदस्य थे | ब्रिटिश शासन के दौरान आपूर्ति विभाग में उप सचिव बने और 1946 के नए साल के सम्मान में उनकी सेवा के लिए एमबीई (Member of the Most Excellent Order of the British Empire)नियुक्त किया गया।

स्वतंत्रता के बाद उन्होंने उद्योग, वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों में सचिव और भारत के प्रधान मंत्री, लाल बहादुर शास्त्री (1964-66) के सचिव के रूप में कार्य किया था।और इंदिरा गांधी ने (1966-67) इन्हे आरबीआई के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया ।
उनके कार्यकाल के दौरान 2 अक्टूबर 1969 को महात्मा गांधी की जन्मशती के उपलक्ष्य में भारतीय रुपये के प्रतीक 2, 5, 10, और 100 के मूल्यवर्ग के भारतीय रुपये के नोट जारी किए गए, इन नोटों पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों में उनके हस्ताक्षर हैं। भारत सरकार की आधिकारिक भाषा, हिंदी में हस्ताक्षर, भारतीय रिजर्व बैंक के उनके कार्यकाल के दौरान पहली बार करेंसी नोटों पर दिखाई दिए।ये हस्ताक्षर एक बिहारी के है ये सोच कर ही सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है

इन्ही के कार्यकाल में 14 प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण, वाणिज्यिक बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण की शुरुआत, राष्ट्रीय ऋण परिषद की स्थापना और ऋण वितरण की सुविधा के लिए अग्रणी बैंक योजना की शुरुआत हुई।उन्होंने 1970-73 की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया जब भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ा और बांग्लादेश को मुक्त कराया। हाइन्ज़ अल्फ्रेड किसिंजर(एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ, राजनयिक और भू-राजनीतिक सलाहकार हैं, जिन्होंने रिचर्ड निक्सन और गेराल्ड फोर्ड के राष्ट्रपति प्रशासन के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य किया।) ने व्हाइट हाउस के वर्षों में उनकी प्रेरक राजनयिक कौशल स्वीकार किया है।
श्री लक्ष्मी कांत झा, 3 जुलाई 1973 से 22 फरवरी 1981 तक जम्मू और कश्मीर राज्य के राज्यपाल थे। एक निष्पक्ष राज्य प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका को आज भी जम्मू-कश्मीर में स्नेह और सम्मान के साथ याद किया जाता है।
वह 1980 के दशक के दौरान उत्तर-दक्षिण आर्थिक मुद्दों पर ब्रांट आयोग(Independent Commission on International Development Issues) के सदस्य थे ।
वह भारत सरकार के आर्थिक प्रशासन सुधार आयोग के अध्यक्ष 1981-88 तक थे। । उन्होंने पीएम के आर्थिक मामलों के सलाहकार के रूप में भी काम किया। इंदिरा गांधी और बाद में राजीव गांधी। अपनी मृत्यु के समय झा राज्यसभा के सदस्य थे।
श्री झा ने Mr. Red Tape and Economic Strategy for the 80s: Priorities for the Seventh Plan सहित कई किताबें लिखीं।


धन्यवाद् दिल की गहराई से,
हम बिहारियों को गर्वित महसूस कराने के लिए !

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Kali Temple in Bakhorapur Bihar (Bhojpur) Ara

बखोरापुर मंदिर

शक्ति रूपेण संस्थिता – बखोरापुर काली मंदिर
इतिहास :- काली मंदिर ट्रस्ट के सचिव के अनुसार 1862 मे भयंकर हैजा फैला हुआ था जिसमे लगभग पांचसौ ( 500 ) से अधिक लोगो की मौत हो गई थी , तभी इस गांव मे एक साधु का प्रवेश हुआ उन्होंने माँ काली की पिंड की स्थापना की बात कही थी | साथ ही कहा की ऐसा करने से बीमारी रुक जायेगा
गांव के बड़े -बुजुर्गो ने सलाह -मशवरा के बाद नीम के पेड़ के पीछे माँ काली के नौ -पिंड की स्थपना कर पूजा अर्चना की शुरुआत की गई ,चंद दिनों बाद ही साधु अदृश्य हो गया |साथ ही हैजा गांव से धीरे – धीरे समाप्त हो गया आज भी नीम का पेड़ उसी जगह उपस्थित है वही पर माँ काली का मंदिर स्थापित की गई है |

               लोगो के इस मंदिर के प्रति श्रद्धा दिन - प्रतिदिन वृद्धि हो रही है गांव मे एक ओर एक  दूसरी घटना अप्रैल 2004 की है जब मंदिर मे राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सो का आयोजन की गई थी दो लाख से अधिक लोगो का जमावड़ा था ,पेड़ के निचे लगभग 200  से अधिक लोग बैठे थे अचानक 25  फ़ीट ऊपर से पेड़ की एक डाल  टूट गई लेकिन किसी भी व्यक्ति को खरोच तक नहीं लगा | इस घटना से लोगो मे माँ के प्रति श्रद्धा और महिमा मे उत्तरोत्तर बृद्धि हो रही है |

कैसे पहुंचे बखोरापुर :- देश के सभी मार्गो से जुड़ा है जगदीशपुर ,पीरो , आरा , कोइलवर प्रमुख शहर और दूर दराज के गावो से सड़क मार्ग सेअच्छी तरह जुड़ा हुआ है |भोजपुर जिला के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत बखोरापुर जो आरा रेलवे स्टेशन से लगभग 12 कम की दूरी पर है |यहाँ जाने के लिए शहर के सभी स्थान या गंगी पुल के पास वाहन आसानी से मिल जाता है |रेलमार्ग के द्वारा भी यहाँ पहुंचा जा सकता है ,पटना से 56km की दूरी पर है पटना – दानापुर कोइलवर होते हुए आरा जंक्शन और दूसरी तरफ दीन दयाल ( मुगलसराय ) रेलप्रमण्डल की ओर से बक्सर होते हुए भी आरा जंक्शन पंहुचा जा सकता है |


कहाँ ठहरे :- यहाँ ठहरने के लिए उत्तम होटल या धर्मशाला की व्यवस्था है आरा शहर मे अनेक होटल या धर्मशाला मिल जाएंगे अब बखोरापुर मे भी मंदिर के बगल मे होटल और धर्मशाला मिल जायेगा जहाँ पर भक्त ठहर सकते है साथ ही खाने पीने की भी उत्तम व्यवस्था की गई है |


प्रेषक :- बिपिन बिहारी प्रसाद
Email :- prasad.bipin98@gmail.com

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Tirupati of North India,Sri Vishnu Dham, Barbigha, Sheikhpura,Bihar

शेखपुरा जिला मुख्यालय से महज ग्यारह किमी की दुरी पर बरबीघा-वारिसलीगंज सड़क पर यह स्थान अवस्थित है। यहां पर पांच जुलाई 1992 को तालाब की खुदाई में भगवान विष्णु की आदमकद पत्थर की विशाल प्रतिमा मिली थी |दुनिया में भगवान विष्णु की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति स्थानिक मुद्रा यानी खड़े हुए मुद्रा में भगवान विष्णु की पत्थर की प्रतिमा है .तिरुपति में स्थित मंदिर की विष्णु प्रतिमा इससे बड़ी बताई जाती है .भगवान विष्णु की इसी विशाल प्रतिमा की वजह से इस स्थान को उत्तर भारत का तिरुपति बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। यहां जेठान कार्तिक की एकादशी से पूर्णिमा तक चार दिनों का देवोत्थान मेला हर साल आयोजित होता है।

How to reach Sri Vishnu Dham, Barbigha, Sheikhpura,Bihar

By Air :::: BarBigha by bus or taxi ahead of Gaya or Patna airport

By Train :::: Gaya or Lakhisarai Station from Sheikhpura station and forward Taxi from Barbegha

By Road :::: Gaya or Lakhisarai or Patna to Bihar Sharif & By taxi to Barbegha

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Artkala YouTube channel is worlds 2nd largest DIY Channel running from Bihar by Bihari

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े DIY Creator (Do it Yourself Creator) YouTube Channel अपने बिहार से है क्या आप जानते है ?

बिहारियों ने सभी क्षेत्रो में अपना लोहा मनवाया है और सोसल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी अपना जलवा दिखाया है बिहारियों ने यूट्यूब प्लेटफार्म पर अपना नाम आगे रखा है उनके वीडियोस बहुत पॉपुलर है और पूरी दुनिया में अपना और बिहार का नाम रोशन कर रहे है Artkala एक ऐसा ही यूट्यूब चैनल तीन बिहारियों के लग्नशीलता और अनोखी सोच का एक प्रतिफल है ।
बिहार के युवाओ के एक अनोखा प्रयास जिसमे घर के व्यर्थ के सामान का और कुछ मामूली फेविकोल जैसी चीजों का प्रयोग करके उसे दुबारा प्रयोग में लाने लायक बनाया जा सकता है और इस प्रयास को दुनिया भर के लोगो का प्यार मिला और Artkala के सब्स्क्रिबरो की लगातार बढ़ती हुई संख्या इसकी सफलता का प्रमाण है ।
पवन कुमार पटना-बिहार का एक 19 वर्षीय लड़का है, जिसने 25 सितंबर 2016 को अपनी दो बड़ी बहनों स्नेहा कुमारी और पूजा कुमारी के साथ अपना YouTube चैनल शुरू किया।उन्हें अपने परिवार से मदद मिला, जिन्होंने उन्हें वीडियो बनाने में खर्च करने के लिए कुछ आर्थिक मदद दे कर उनका उत्साहवर्धन किआ ।
हमें यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि अब Artkala बिहार से चलने वाला और बिहारियों द्वारा चलाया जाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा DIY चैनल है ।
हमें गौरवान्वित करने के लिए धन्यवाद ।
https://www.artkala.com/
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Holy Saviour Church of Arrah,Bihar

बिहार में का बा ?

जॉर्ज पंचम होली सेवियर चर्च ,भोजपुर (आरा )

आरा ,बिहार के वीर कुंवर सिंह मैदान के पश्चिमी -दक्षिणी हिस्सा और सदर अनुमंडलाधिकारी के आवास के बीच. मे अवस्थित ,एक प्राचीन चर्च ,ऐतिहासिक दृटिकोण से यह बहुत ही महत्वपूर्ण धरोहर है| यह पूरी तरह से इंग्लिश शैली मे निर्मित भवन है | देश मे इस शैली के चर्च गिना चुना ही है इसकी बनावट और मजबूती के कारण शहर के साथ -साथ पुरे बिहार का आकर्षण का केंद्र है |
ऐतिहासिक पृष्ट्भूमि के अनुसार कभी जर्ज पंचम को प्रार्थना के लिए इसका निर्माण करवाया गया था | सन 1911 मे भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनी इंग्लैंड के सम्राट जॉर्ज पंचम को कोलकाता से दिल्ली जाने के क्रम मे आरा मे एक रविवार पड़ता था , इसी रविवार के मद्देनज़र बहुत ही धार्मिक प्रवृति के जॉज पंचम को प्रार्थना के लिए इस चर्च का निर्माण करवाया गया था | प्रार्थना के दिन आरा रेलवे स्टेशन से चर्च तक के रोड को रेड कारपेट बिछाया गया था | जॉर्ज पंचम के बाद इस चर्च को फौजी यहाँ प्रार्थना करते थे | आज़ादी के पूर्व इसमें एक लाइब्रेरी थी जिसमे अधिकांश धार्मिक पुस्तकों के आलावा अन्य पुस्तके थी | आज़ादी के बाद अंग्रेज फौजियों के यहाँ से जाने के बाद चर्च ऑफ़ नार्थ इंडियन , भागलपुर के इस चर्च को मेथोडिस्ट चर्च को सौप दिया |चर्च मे पुलपिट (प्रार्थना वेदी ) के पीछे के हिस्से मे बहुत ही आकर्षक रंगीन शीशे लगे थे जिस पर जीजस की तस्वीर बनी थी |इस शीशे से जब सूर्ये की रौशनी चर्च मे आती थी तो बहुत सूंदर लगता था ,साथ ही पादरी के लिए बहुत ही सूंदर कुर्सी भी थी | लेकिन समय के साथ – साथ और सरकार की अनभिज्ञता
के कारण आज यह चर्च जर -जर अवस्था मे पहुंच गई है | अधिकांश वस्तुए चर्च की चोरी हो गई है ,या क्षतिग्रस्त हो चुकी है इसे बिहार सरकार के द्वारा पर्यटन और ऐतहासिक धरोहर और शहरी सौंदर्यकरण के लिए इसे बिकसित किया का सकता है |
ऐसा उम्मीद की जा सकती है बिहार सरकार के द्वारा इसे आमूल धरोहर को बचाया जायेगा और पर्यटन के क्षैत्र मे इसे बिकसित किया जायेगा|

Story By :Bipin Bihari Prasad(Email: prasad.bipin98@gmail.com)

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BIHARI Girl in the Headlines again:WBCS TOPPER

बिहार की बेटी ने बिहार का मान बढ़ाया,बनी WBCS (WEST BENGAL CIVIL SERVICE) TOPPER

WBCSTOPPER

आकांक्षा सिंह मूलतः बिहार के बक्सर जिले के ब्र्हम्पुर ब्लाक बलुआ गांव निवासी है | संभवतः ये पहला मौका जब किसी किसी हिन्दीभाषी ने बंगाल में प्रशासनिक सेवा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है आकांक्षा की इस उपलब्धि से पूरा बिहार गौरान्वित है WBCS 2019 में कुल ७०(70) अभयर्थी सफल हुए जिनमे आकांक्षा सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त हुआ इनका चयन राजस्व सेवा में हुआ है | इनके मन में सिविल सेवा में जाने कीइच्छा बचपन से थी इंजीनियरिंग (IEM ,KOLKATA )करने के बाद कई सॉफ्टवेयर कम्पनियो में चयनित होने के बावजूद भी इन्होने इन्हे ठुकराकर अपने सपनो के लिए लगातार प्रयास करती रही | और दूसरे प्रयास में शानदार सफलता प्राप्त की |

वर्तमान में आकांक्षा सिंह स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के कल्याणी शाखा में प्रोबासनरी अफसर के रूप में कार्यरत है इनकी शिक्षा हावड़ा में ही हुई | है और इनका परिवार पूरी तरह से वहां बसा हुआ है जिसके कारण इन्हे बांग्ला भाषा का लिखना पढ़ना आता है
जिसका फायदा इनको प्राप्त हुआ |


सभी बिहारियों को गौरवांतित करने के लिए धन्यवाद |

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Kshtriyakund Jain Temple,Jamui,Bihar

क्षत्रियकुंड,जमुई,बिहार में जैन समुदाय का प्रमुख तीर्थस्थल है इसका इत्तिहास लगभग २६०० साल पुराना है यहां की मान्यता मुख्या रूप सेभगवान महावीर के जन्म से संबधित है इसलिए इस जगह का नाम यहां स्थानीय लोगो के बीच जन्मस्थली के रूप में किया जाता है।क्षत्रियकुंड जाने के रस्ते में लछुआर गांव में एक जैन तीर्थयात्रियों के लिए निर्मित 65 कमरों का एक बड़ा और पुराना विश्राम गृह (धर्मशाला) है। धर्मशाला के अंदर भगवान महावीर का मंदिर है। इस मंदिर की मूर्ति 2,600 साल से भी ज्यादा पुरानी है। काले पत्थर की इस मूर्ति का वजन लगभग 250 किलोग्राम है। यह भगवान महावीर की जन्मभूमि क्षत्रिय कुंड ग्राम के रास्ते में स्थित है। यह स्थान सिकंदरा ब्लॉक में स्थित है जो लगभग जमुई जिला मुख्यालय से पश्चिम.20 किमी. है जंगल के बीच में यह स्थल आज भी एक अनोखे सुकून को संजो कर रखा है आज भी इस पवित्र तीर्थ का एक स्पर्श रोमांचित करता है। इस तीर्थ के संदर्भ में जो प्रचलित मान्यता निम्न प्रकार से है

क्षत्रियकुंड तीर्थ अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के समय से पहले के काल का है। यह भगवान महावीर के पिता राजा सिद्धार्थ की राजधानी थी,राजा सिद्धार्थ की पत्नी त्रिशला राजा चेतक की बेटी थी। भगवान उनसे उत्पन्न हुए थे। जब भगवान अपने गर्भ में थे, तब त्रिशलामाता ने चौदह महान स्वप्न देखे। धन और मक्का में वृद्धि हुई। राज्य में सर्वत्र सुख-शान्ति बढ़ती गई। इसलिए उनके जन्म के बारहवें दिन भगवान को’वर्धमान’ नाम दिया गया। भगवान का विवाह राजा समरवीर की पुत्री यशोदादेवी से हुआ था। भगवान को सांसारिक सुखों से कोई लगाव नहीं था। उन्होंने अपने बड़े भाई नंदीवर्धन की अनुमति से विक्रम संवत के वर्ष ५१३ में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दीक्षा ली। भगवान तब ३० वर्ष के थे। इस प्रकार भगवान ने अपने जीवन के ३० वर्ष इस पवित्र भूमि पर गुजारे। यहां भगवान के तीन कल्याणक हुए।इसलिए इस भूमि का प्रत्येक कण पवित्र है और इस तीर्थ का बहुतमहत्व है। यहां का शांत और शांत वातावरण आज भी भगवान कीभक्ति की धारा को स्थापित करता है, मानव हृदय में प्रवाहित होकर सांसारिक मामलों को भूलकर मनुष्य, भगवान की पूजा में तल्लीन होजाता है। आज भी इस पवित्र तीर्थ का स्पर्श मनुष्य को रोमांचित कर देता है।

निकटतम रेलवे स्टेशन:
जमुई रेलमार्ग भारत के कई प्रमुख शहरों से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित जमुई स्टेशन झाझा और क्वाल स्टेशन के बीच स्थित है। जमुई पहुंचने के लिए रेल मार्ग से प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक ट्रेनें उपलब्ध हैं। 
निकटतम हवाई अड्डा :
पटना में जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जमुई पटना से 161 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा गया,यहां एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है। जमुई गया से 136 किलोमीटर दूर स्थित है।
सड़क मार्ग
जमुई तक भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
बिहार कई धर्मो की उदगम स्थली है और जैसा की हम जानते है की 
 जैन धर्म का उदगम बिहार से ही हुआ है आज भी केंद्र और राज्य 
 सरकारों का ध्यान इन ऐतिहासिक स्थलों पर जितना ध्यान देना चाहिए नहीं 
 दिया जा रहा है अगर इनका विकास सही तरीके से किया जाये तो 
 बिहार की तरक्की में पर्यटन का भी विशेष सहयोग रहेगा । 
 आज भी स्थानीय नागरिको को सही से प्रशिक्षण दे कर आने वाले 
 पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की जा सकती है जो की इस 
 इलाके के खुशहाल करने का सही मार्ग होगा ।

जय जिनेन्द्रा | जय बिहार| जय हिन्द |


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क्या आपने टॉयलेट म्यूजियम(Toilet Museum)के बारे में सुना है ?

हाँ सही पढ़ रहे है आप टॉइलेट म्यूजियम और कहीं नहीं अपने ही देश में स्थित है
ये भी एक बिहारी दिमाग के कमाल का एक अनोखा उदाहरण है
उन महानुभाव का नाम श्री बिंदेश्वर पाठक है जो की सुलभ इटरनेशनल संस्था के संस्थपाक भी है
आज भारत के सभी शहरो और कस्बो में जो सुलभ शौचालय नज़र आते है वो सभी इसी संस्था के द्वारा संचालित होती है
जिसका प्रयोग हर आम भारतीय सफर के दौरान करता है
इस म्यूजियम में आपको २५०० BC से आज तक प्रयोग में आने वाले शौचालयों का अद्भुत संग्रह है

सुलभ इंटरनेशनल का शौचालय संग्रहालय (International Museum of Toilets) विश्व के सबसे विचित्र संग्रहालयों में से एक है। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित दिल्ली में स्थित एक संग्रहालय है जो स्वच्छता तथा शौचालयों के वैश्विक इतिहास को समर्पित है। यह संग्रहालय इसके संस्थापक श्री बिंदेश्वर पाठक के अनोखे विचार का जीवंत उदहारण है

Timings
Open 7 Days a Week
Timings : Week Days: (Monday to Saturday) 8am to 8pm
Sunday & National Holidays: 10am to 5pm
Entry & Parking absolutely free for every visitor

Address
Sulabh Bhawan, Palam Dabri Marg, Mahavir Enclave, Palam, New Delhi, India: 110045

011 – 25031518 & 19

sulabhinfo@gmail.com

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महाबोधि मंदिर,गया,बिहार

बिहार की पावन भूमि जहां राजकुमार सिद्धार्थ आये तो, पर महात्मा बुद्ध बनकर पूरी दुनिया को जीवन जीने का रास्ता बताया
बिहार में आज भी सभी बुद्ध से सम्बंधित सभी स्थान मौजूद है जहां जाकर थोड़ा अनुभव प्राप्त कर सकते है
आज भी वो महाबोधि मंदिर में वो बोधि वृच्छ मौजूद है जहाँ पूरी दुनिया के लोग आते है
महाबोधि मंदिर का अर्थ आपके अंदर के बोध को जगाने वाला स्थान होता है ,

इस स्थान के ओज का अनुभव अविस्मरणीय है जो भी एक बार आते है वो पुरे जीवन इसे ह्रदय में संजो कर रखते है
बोधि वृक्ष एक पीपल का बहुत बड़ा पेड़ है जिसके निचे महात्मा बुद्ध ने साधना करके अपनी सभी प्रश्नो का उत्तर पाया !

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राज्य की सभी योजनाओ की जानकारी उमंग एप्प पर उपलब्ध करा रही है : बिहार सरकार

बिहार सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनिफिट(DBT) वाली योजनाओ की जानकारी अब सिर्फ एक मोबाईल एप्प उमग पर सभी नागरिको को उपलब्ध होगी इससे सभी योजनाओ में पारदर्शिता आएगी
बिहार राज्य की अड़तीस योजनाओ को जोड़ा जा रहा है और इसमें जानकारी की सुरक्षा के लिए इसे डिजिलॉकर से भी जोड़ा गया है
केंद्र सरकार इसकी निगरानी कर रहा है

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बिहारी दिमाग का कमाल

बिहारी दिमाग का कमाल

सौजन्य:Transport Live

बिहारी दिमाग का कमाल ये है की ट्रक के निचे एक चलता फिरता रसोईघर
बना कर ट्रक ड्रीवरो की इस कोरोना कालमें सभी ढाबे बंद हो जाने के कारण उन्हें भोजन नहीं मिल पा रहा तो यह एक बेहतर विकल्प प्रदान किआ है
इस रसोईघर में एक बड़ा गैस सिलिंडर ,सभी बर्तन और ड्राइवर आसानी से बैठ कर भोजन बना सकता है

https://youtu.be/OHI8K9aAuxI

Bihar Board 10th Toppers List 2023

Bihar Board exam authority is all set to release the BSEB Class 10th Topper List 2023 District wise & School wise at it’s official website on 31.03.2023. The matric Toppers Marks with photo has been added below. Table will be updated once the result is announced.

                                  • Rank

                                    Topper Name

                                    Marks/Percentage

                                    School Name/District

                                    1

                                    Md Rumman Asharf

                                    489/ 97.8 %

                                    Islamia High School Sheikhpura

                                    2

                                    Namrata Kumari

                                    486/ 97.2%

                                    Nirmala Shiksha Bhawan H/S Shahpur Pati, Bhojpur

                                    2

                                    Gyani Anupama

                                    486

                                    Project Girls High School Goh, Aurangabad

                                    3

                                    Sanju Kumari, Bhavna Kumari and Jaynandan Kumar Pandit

                                    484

                                    High School Dallu Bigha, Nalanda

                                    4

                                    Sneha Kumari, Neha Praveen, Sweta Kumari, Amrita Kumari, Vivek Kumar, Shubham Kumar

                                    483

                                    5

                                    Suruchi Kumari, Shalini Kumari, Sudhanshu Shekhar, Ahem Keshri, Unmukt Kumar Yadav, Sudhanshu Kumar, Sukesh Suman, Chandan Kumar , Abhishek Kumar Choudhary

                                    481

                                  Bihar Board 12th Result 2023

                                  बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो० चन्द्रशेखर द्वारा दिनांक 21 मार्च 2023 को दोपहर 2:00 बजे बिहार स्कूल शिक्षा समिति की ऑफिशल वेबसाइट पर बिहार बोर्ड Bihar Board 12th Result घोषित कर दिया है|

                                  Bihar Board 12th Science Topper List 2023

                                  • 1st Ayushi Nandan 474 94.80%
                                  • 2nd Himanshu Kumar 472 94.4 %
                                  • 2nd Shubham Chaurasiya 472 94.4%
                                  • 3rd Aditi Kumari 471 94.2%
                                  • 4th Rama Bharti 469 93.8%
                                  • 5th Piyush Kumar 468 93.6%
                                  • 5th Abhishek Raj 468 93.6%
                                  • 5th Tanu Kumari 468 93.6%
                                  • 6th Ruchika Raj 466 93.2%

                                  Bihar Board 12th Commerce Topper List 2023

                                  • 1st Somya Sharma 475 95%
                                  • 1st Rajnish Kumar Pathak 475 95%
                                  • 2nd Bhumi Kumari 474 94.8%
                                  • 2nd Tanuja Singh 474 94.8%
                                  • 2nd Komal Kumari 474 94.8%
                                  • 3rd Payal Kumari 472 94.4%
                                  • 3rd Srishti Akshay 472 94.4%
                                  • 4th Vidhi Kumari 468 93.6%
                                  • 4th Sonam Kumari 468 93.6%
                                  • 5th Pooja Kumari 467 93.4%
                                  • 5th Nilam Kumari 467 93.4%
                                  • 6th Tanisha Kumari 466 93.2%
                                  • 7th Aman Kumar 466 93.2%

                                  Bihar Board 12th Arts Topper List 2023

                                  • 1st Mohadessa 475 95%
                                  • 2nd Saurabh Kumar 470 94%
                                  • 3rd Aditi Kumari 469 93.8%
                                  • 4th Laxmi Kumari 466 93.2%
                                  • 5th Mohammad Shariq 465 93%
                                  • 5th Chandan Kumar 465 93%
                                  • 6th Kajal Kumari 464 92.8%
                                  • 6th Asiya Parween 464 92.8%

                                  साइबर अपराध

                                  साइबर अपराध : ये अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें कंप्यूटर,मोबाइल और नेटवर्क शामिल है।इस अपराध को डिजिटल दुनिया का अपराध भी कहा जाय तो गलत नहीं होगा | किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध मे नेटवर्क शामिल नही होता है। किसी कि निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना। किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है।

                                  कंप्यूटर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट करना। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक़्त नजर रखना।

                                  शहीद दिवस

                                  शहीद दिवस, भारत में हर साल 23 मार्च को मनाया जाने वाला स्मरण दिवस है। यह भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर आत्माओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है।

                                  यह दिन भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले तीन महान भारतीय नेताओं - भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु की स्मृति को समर्पित है। 1931 में आज ही के दिन इन तीनों क्रांतिकारियों को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया था।

                                  भगत सिंह, सुखदेव थापर, और शिवराम राजगुरु हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य थे, जो एक क्रांतिकारी संगठन था जिसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकना था। वे दिल्ली में केंद्रीय विधान सभा की बमबारी सहित अंग्रेजों के खिलाफ हिंसा के कई कृत्यों में सहायक थे।

                                  शहीद दिवस पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाता है। लोग शहीदों की प्रतिमाओं और स्मारकों पर फूल और माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उनके बलिदानों का सम्मान करने और स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

                                  दिग्गज अभिनेता एवं फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक जी के निधन की अत्यंत दुःखद सूचना मिली। उनके निधन से फिल्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

                                  दिग्गज अभिनेता एवं फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक जी के निधन की अत्यंत दुःखद सूचना मिली। उनके निधन से फिल्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

                                  Happy Independence Day

                                  समस्त देशवासियों को 76 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। नमन उन समस्त वीर नायकों को जिन्होनें अपना बलिदान देकर माँ भारती की परतंत्रता की बेड़ियां तोड़ने में अपना समस्त न्योछावर कर दिया।

                                  Bihar CBSE topper