पटना के बुद्ध मार्ग में देश का चौथा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर बन कर तैयार |इसे बनने में बारह साल की लगे। अक्षय तृतीया के पवित्र दिन भव्य इस्कान मंदिर में बांके बिहारी विधिवत रूप से विराजमान हो गए।मंदिर परिसर में राधा-बांके बिहारी, सीताराम, लक्ष्मण एवं हनुमान गौर निताई आदि की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के बाद मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है ।
पटना को एक नया आध्यात्मिक केंद्र मिला और श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों को भी एक सुन्दर मंदिर प्रांगण मिला। इस मंदिर में 84 कमरे और 84 पिलर बनाए गए हैं।यहां 84 संख्या,हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार 84 योनियों को दरशा रहा है इन 84 खंभों की परिक्रमा करने पर जीवन के 84 योनि के चक्र से बाहर होगा |
मंदिर की खासियत
* 300 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है|
* अतिथियों के ठहरने के लिए 70 कमरे बनाए गए हैं।
* एक पुस्तकालय है जिसमें आपको धार्मिक ग्रंथों को पढ़ सकते हैं।
* परिसर में गोविंदा रेस्टोरेंट बनाया गया है। यहां लोगों को शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा।