Areraj ka Someshwar mandir

मोतिहारी का अरेराज का शिवमंदिर सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर


ऐतिहासिक पृष्ट्भूमि :-


शिव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसे चंद्र देव ने खुद स्थापित किया था. पूर्वी चंपारण के अरेराज में बने ऐतिहासिक सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर की जिसकी ऐतिहासिकता को किसी प्रमाणिकता की जरुरत नहीं है | स्कन्द पुराण में चन्द्रमा द्वारा स्थापित इस पंचमुखी स्कन्द महादेव मंदिर का जिक्र है.पंचमुखी महादेव मंदिर पूरे भारत में केवल अरेराज में ही है.जहां अभी भी पौराणिक संस्कृति को श्रद्धालु आस्था और पूजा के माध्यम से जीवित रखे हुए हैं. लगभग विलुप्त हो चुके पामरिया नृत्य के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न करने की परम्परा आज भी अरेराज मे जीवित है, पर अभी भी पर्यटक स्थल की सूची से बाहर है |


एक दूसरी कहानी के अनुसार चन्द्रमा द्वारा स्थापित इस ऐतिहासिक मंदिर की चर्चा स्कन्द पुराण में भी मिलती है.जब अहिल्या प्रकरण में चन्द्रमा शापित हुए थे,तब अगस्त मुनि ने शाप से मुक्ति के लिए चंद्रमा को गण्डकी नदी के तट पर स्थित अरण्यराज में गह्वर में शिवलिंग की स्थापना करने की सलाह दी थी,जिसके स्थापना और पूजा के बाद चंद्रमा शाप से मुक्त हुए थे.
दरअसल,चंद्रमा का पर्यावाची शब्द सोम होता है.इसीलिए इन्हें सोमेश्वर नाथ मनोकामना महादेव कहा जाता है.यहां सच्चे मन से मांगने वाले लोगों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है. इस -लिए इसे मनोकामना नाथ भी कहा जाता है|
युधिष्ठिर राजपाट खोने पर इसी मंदिर पूरे श्रावण मास जलाभिषेक किया था.उसके बाद राजपाट वापस हुआ था. वही जनकपुर से अयोध्या जाने के क्रम में माता जानकी द्वारा पुत्र प्राप्ति के लिए पूजा अर्चना की थी.उसके बाद से पुत्र प्राप्ति के लिए विख्यात है.
अरेराज महादेव मंदिर में अभी भी भारतीय संस्कृति को जिन्दा रखा गया है.जहां लगभग विलुप्त हो चुकी पामरिया नृत्य की परम्परा है.केसरिया प्रखंड के खजुरिया के लोक नर्तक यहां आते हैं और अपने नृत्य से भगवान को प्रसन्न करते हैं.साथ ही जिस महिला श्रद्धालु की मन्नत पूरा हो जाती है.उस महिला श्रद्धालु के आंचल पर पामरिया नृत्य कर भगवान को खुश करते हैं.पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव गीत और संगीत के आदि देव है.इसी लिए पौराणिक पमारिया नृत्य के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न करने की परम्परा सिर्फ यही पर देखने को मिलती है|

How to reach कैसे पहुंचे :-

अरेराज का ऐतिहासिक सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर उत्तर बिहार का सबसे प्राचीनतम एवं प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो मोतिहारी से 28 किलोमीटर पर दक्षिण में गंडक नदी के किनारे स्थित है। सावन माह में तथा अन्य पर्वो के अवसर पर लाखो श्रद्धालु भक्तजन देश तथा समीपवर्ती नेपाल से यहां लोग आते है। श्रावण में यहां मेला भी लगता है। पर्यटकों का यह प्रिय स्थल बन चुका है। मोतिहारी से 28 किलोमीटर की लिंक पूछा रोड राज्य के सभी प्रमुख सड़क से जुड़ा हुआ है |पटना से साहेबगंज होते हुए केसरिया के रास्ते अरेराज तक बनानेवाली बुद्धा सर्किट को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दे दिया गया है | आने वाले तीन साल मे इसे कार्य को पूरा का लिया जायेगा |

Railway
ट्रैन के द्वारा बापूधाम मोतिहारी देश के सभी प्रमुख स्थानों औऱ शहरो से जुड़ा हुआ है |

Airway
हवाई यात्रा के द्वारा भी जय प्रकाश नारायण हवाई अड्ड़ा ,पटना से मोतिहारी सड़क मार्ग से बस के द्वारा पहुँचा जा सकता है |

प्रेषक :- बिपिन बिहारी प्रसाद
Email prasad.bipin98@gmail.com

Holy Saviour Church of Arrah,Bihar

बिहार में का बा ?

जॉर्ज पंचम होली सेवियर चर्च ,भोजपुर (आरा )

आरा ,बिहार के वीर कुंवर सिंह मैदान के पश्चिमी -दक्षिणी हिस्सा और सदर अनुमंडलाधिकारी के आवास के बीच. मे अवस्थित ,एक प्राचीन चर्च ,ऐतिहासिक दृटिकोण से यह बहुत ही महत्वपूर्ण धरोहर है| यह पूरी तरह से इंग्लिश शैली मे निर्मित भवन है | देश मे इस शैली के चर्च गिना चुना ही है इसकी बनावट और मजबूती के कारण शहर के साथ -साथ पुरे बिहार का आकर्षण का केंद्र है |
ऐतिहासिक पृष्ट्भूमि के अनुसार कभी जर्ज पंचम को प्रार्थना के लिए इसका निर्माण करवाया गया था | सन 1911 मे भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनी इंग्लैंड के सम्राट जॉर्ज पंचम को कोलकाता से दिल्ली जाने के क्रम मे आरा मे एक रविवार पड़ता था , इसी रविवार के मद्देनज़र बहुत ही धार्मिक प्रवृति के जॉज पंचम को प्रार्थना के लिए इस चर्च का निर्माण करवाया गया था | प्रार्थना के दिन आरा रेलवे स्टेशन से चर्च तक के रोड को रेड कारपेट बिछाया गया था | जॉर्ज पंचम के बाद इस चर्च को फौजी यहाँ प्रार्थना करते थे | आज़ादी के पूर्व इसमें एक लाइब्रेरी थी जिसमे अधिकांश धार्मिक पुस्तकों के आलावा अन्य पुस्तके थी | आज़ादी के बाद अंग्रेज फौजियों के यहाँ से जाने के बाद चर्च ऑफ़ नार्थ इंडियन , भागलपुर के इस चर्च को मेथोडिस्ट चर्च को सौप दिया |चर्च मे पुलपिट (प्रार्थना वेदी ) के पीछे के हिस्से मे बहुत ही आकर्षक रंगीन शीशे लगे थे जिस पर जीजस की तस्वीर बनी थी |इस शीशे से जब सूर्ये की रौशनी चर्च मे आती थी तो बहुत सूंदर लगता था ,साथ ही पादरी के लिए बहुत ही सूंदर कुर्सी भी थी | लेकिन समय के साथ – साथ और सरकार की अनभिज्ञता
के कारण आज यह चर्च जर -जर अवस्था मे पहुंच गई है | अधिकांश वस्तुए चर्च की चोरी हो गई है ,या क्षतिग्रस्त हो चुकी है इसे बिहार सरकार के द्वारा पर्यटन और ऐतहासिक धरोहर और शहरी सौंदर्यकरण के लिए इसे बिकसित किया का सकता है |
ऐसा उम्मीद की जा सकती है बिहार सरकार के द्वारा इसे आमूल धरोहर को बचाया जायेगा और पर्यटन के क्षैत्र मे इसे बिकसित किया जायेगा|

Story By :Bipin Bihari Prasad(Email: prasad.bipin98@gmail.com)

New VHP President:Dr R N Singh

बिहार के विश्व विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ हाथो में विहिप (VHP) की कमान :रबिन्द्र नारायण सिंह

पेशे से विश्व विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ रबिन्द्र नारायण सिंह जो मूलतः बिहार के सहरसा के निवासी है |
विदेश से एक सफल एवं उज्जवल भविष्य को त्याग कर अपने पिता के इच्छा का मान रखते हुए बिहार लौट आये,
अपने पेशे के साथ पूरी ईमानदारी निभाते हुए कभी अपनी सामाजिक दायित्वों को निभाने में पीछे नहीं हटे |
वर्ष 2010 में स्वस्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के कारण राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के द्वारा पद्म भूषण अवार्ड से सम्मनित किये गए|
इतनी उपलब्धिया होने के बावजूद आज भी अपने गांव गोलमा ,सहरसा से दिल से जुड़े हुए है इसका गवाह वहाँ करोड़ो खर्च कर अपने स्वजन ग्रामीणों के लिए 100 बेड का अस्पताल है जहां आज भी खुद सेवा देने पहुंचते है|
डॉ सिंह के जज्बे को सलाम |
जहां इस भौतिकवादी दुनिया को अपने लिए समय नहीं है वही हमारे बीच श्री सिंह जैसे लोग एक उम्मीद की किरण है|

डॉ. आरएन सिंह पूर्व विहिप अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश विष्णु सदाशिव कोकजे का स्थान लेंगे. उन्होंने अध्यक्ष पद स्वीकार करने के बाद कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और इसमें बहुत काम करना है |

धन्यवाद् सर हम बिहारियों का मान बढ़ाने के लिए |

JAI BIHAR,JIYO BIHARI

BIHARI Girl in the Headlines again:WBCS TOPPER

बिहार की बेटी ने बिहार का मान बढ़ाया,बनी WBCS (WEST BENGAL CIVIL SERVICE) TOPPER

WBCSTOPPER

आकांक्षा सिंह मूलतः बिहार के बक्सर जिले के ब्र्हम्पुर ब्लाक बलुआ गांव निवासी है | संभवतः ये पहला मौका जब किसी किसी हिन्दीभाषी ने बंगाल में प्रशासनिक सेवा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है आकांक्षा की इस उपलब्धि से पूरा बिहार गौरान्वित है WBCS 2019 में कुल ७०(70) अभयर्थी सफल हुए जिनमे आकांक्षा सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त हुआ इनका चयन राजस्व सेवा में हुआ है | इनके मन में सिविल सेवा में जाने कीइच्छा बचपन से थी इंजीनियरिंग (IEM ,KOLKATA )करने के बाद कई सॉफ्टवेयर कम्पनियो में चयनित होने के बावजूद भी इन्होने इन्हे ठुकराकर अपने सपनो के लिए लगातार प्रयास करती रही | और दूसरे प्रयास में शानदार सफलता प्राप्त की |

वर्तमान में आकांक्षा सिंह स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के कल्याणी शाखा में प्रोबासनरी अफसर के रूप में कार्यरत है इनकी शिक्षा हावड़ा में ही हुई | है और इनका परिवार पूरी तरह से वहां बसा हुआ है जिसके कारण इन्हे बांग्ला भाषा का लिखना पढ़ना आता है
जिसका फायदा इनको प्राप्त हुआ |


सभी बिहारियों को गौरवांतित करने के लिए धन्यवाद |

Kshtriyakund Jain Temple,Jamui,Bihar

क्षत्रियकुंड,जमुई,बिहार में जैन समुदाय का प्रमुख तीर्थस्थल है इसका इत्तिहास लगभग २६०० साल पुराना है यहां की मान्यता मुख्या रूप सेभगवान महावीर के जन्म से संबधित है इसलिए इस जगह का नाम यहां स्थानीय लोगो के बीच जन्मस्थली के रूप में किया जाता है।क्षत्रियकुंड जाने के रस्ते में लछुआर गांव में एक जैन तीर्थयात्रियों के लिए निर्मित 65 कमरों का एक बड़ा और पुराना विश्राम गृह (धर्मशाला) है। धर्मशाला के अंदर भगवान महावीर का मंदिर है। इस मंदिर की मूर्ति 2,600 साल से भी ज्यादा पुरानी है। काले पत्थर की इस मूर्ति का वजन लगभग 250 किलोग्राम है। यह भगवान महावीर की जन्मभूमि क्षत्रिय कुंड ग्राम के रास्ते में स्थित है। यह स्थान सिकंदरा ब्लॉक में स्थित है जो लगभग जमुई जिला मुख्यालय से पश्चिम.20 किमी. है जंगल के बीच में यह स्थल आज भी एक अनोखे सुकून को संजो कर रखा है आज भी इस पवित्र तीर्थ का एक स्पर्श रोमांचित करता है। इस तीर्थ के संदर्भ में जो प्रचलित मान्यता निम्न प्रकार से है

क्षत्रियकुंड तीर्थ अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के समय से पहले के काल का है। यह भगवान महावीर के पिता राजा सिद्धार्थ की राजधानी थी,राजा सिद्धार्थ की पत्नी त्रिशला राजा चेतक की बेटी थी। भगवान उनसे उत्पन्न हुए थे। जब भगवान अपने गर्भ में थे, तब त्रिशलामाता ने चौदह महान स्वप्न देखे। धन और मक्का में वृद्धि हुई। राज्य में सर्वत्र सुख-शान्ति बढ़ती गई। इसलिए उनके जन्म के बारहवें दिन भगवान को’वर्धमान’ नाम दिया गया। भगवान का विवाह राजा समरवीर की पुत्री यशोदादेवी से हुआ था। भगवान को सांसारिक सुखों से कोई लगाव नहीं था। उन्होंने अपने बड़े भाई नंदीवर्धन की अनुमति से विक्रम संवत के वर्ष ५१३ में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दीक्षा ली। भगवान तब ३० वर्ष के थे। इस प्रकार भगवान ने अपने जीवन के ३० वर्ष इस पवित्र भूमि पर गुजारे। यहां भगवान के तीन कल्याणक हुए।इसलिए इस भूमि का प्रत्येक कण पवित्र है और इस तीर्थ का बहुतमहत्व है। यहां का शांत और शांत वातावरण आज भी भगवान कीभक्ति की धारा को स्थापित करता है, मानव हृदय में प्रवाहित होकर सांसारिक मामलों को भूलकर मनुष्य, भगवान की पूजा में तल्लीन होजाता है। आज भी इस पवित्र तीर्थ का स्पर्श मनुष्य को रोमांचित कर देता है।

निकटतम रेलवे स्टेशन:
जमुई रेलमार्ग भारत के कई प्रमुख शहरों से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित जमुई स्टेशन झाझा और क्वाल स्टेशन के बीच स्थित है। जमुई पहुंचने के लिए रेल मार्ग से प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक ट्रेनें उपलब्ध हैं। 
निकटतम हवाई अड्डा :
पटना में जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जमुई पटना से 161 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा गया,यहां एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है। जमुई गया से 136 किलोमीटर दूर स्थित है।
सड़क मार्ग
जमुई तक भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
बिहार कई धर्मो की उदगम स्थली है और जैसा की हम जानते है की 
 जैन धर्म का उदगम बिहार से ही हुआ है आज भी केंद्र और राज्य 
 सरकारों का ध्यान इन ऐतिहासिक स्थलों पर जितना ध्यान देना चाहिए नहीं 
 दिया जा रहा है अगर इनका विकास सही तरीके से किया जाये तो 
 बिहार की तरक्की में पर्यटन का भी विशेष सहयोग रहेगा । 
 आज भी स्थानीय नागरिको को सही से प्रशिक्षण दे कर आने वाले 
 पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की जा सकती है जो की इस 
 इलाके के खुशहाल करने का सही मार्ग होगा ।

जय जिनेन्द्रा | जय बिहार| जय हिन्द |


Bihar State Song

मेरे भारत के कंठ हार भारतीय राज्य बिहार का राज्य गीत है। गीत सत्य नारायण द्वारा लिखे गए थे और संगीत हरि प्रसाद चौरसिया और शिवकुमार शर्मा ने दिया था। गीत को आधिकारिक तौर पर मार्च 2012 में अपनाया गया था। राज्य गान, बिहारी बंधन को मजबूत करने का प्रयास है बिहार के गौरवशाली अतीत और उसके उज्ज्वल भविष्य का अन्वेषण करें।

मेरे भारत के कंठहार
तुक्षको शत – शत वंदन बिहार
तू वाल्मीकि की रामायण
तू वैशाली का लोकतंत्र
तू बोधिसत्व की करुणा है
तू महावीर का शांतिमंत्र
तू नालंदा का ज्ञानदीप
तू हीं अक्षत चंदन बिहार
तू है अशोक की धर्मध्वजा
तू गुरुगोविंद की वाणी है
तू आर्यभट्ट तू शेरशाह
तू कुंवर सिंह बलिदानी है
तू बापू की है कर्मभूमि
धरती का नंदन वन बिहार
तेरी गौरव गाथा अपूर्व
तू विश्व शांति का अग्रदूत
लौटेगा खोया स्वाभिमान
अब जाग चुके तेरे सपूत
अब तू माथे का विजय तिलक
तू आँखों का अंजन बिहार
तुक्षको शत – शत वंदन बिहार
मेरे भारत के कंठहार

इस बिहार गान पढ़ने या सुनने के बाद ये महसूस होता है की हम अपने स्वर्णिम इतिहास को याद कर, अपने बिहार को उसकी खोई हुई पहचान से परिचय कराये | हम बिहारी देश विदेश जहां भी बसे है वहां के होकर भी अपने ह्रदय में अपने बिहार के तरक्की के सपनो संजो के रखे और जो भी हम कर सके उसे करने का एक बार प्रयास करे ,और हमारा ये पोर्टल भी इसी तरह का एक प्रयास है अपने बिहार और अपने बिहारी भाइयो और बहनो के लिए |हमारे पूर्वजो को शत शत नमन इस पुण्य भूमि को संचित करने के लिए |

www.prooudtobebihari.com

बिंदेश्वर पाठक कौन है ?

Dr. Bindeswar Pathak

डॉ.बिंदेश्वर पाठक एक भारतीय समाजशास्त्री और सामाजिक उद्यमी हैं।इनका जन्म २ अप्रैल १९४३ को बिहार के वैशाली जिले रामपुर बघेल गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।श्री बिंदेश्वर पाठक ने अपना सारा बचपन और किशोरावस्था उस गाँव में बिताई जहाँ उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।बाद में उच्च शिक्षा के लिए पटना चले गए और बी.एन.महाविद्यालय से उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातक किया।

डॉ. बिंदेश्वर पाठक द्वारा सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना 1970 में की, स्वच्छता के क्षेत्र में सुलभ का योगदान बड़े पैमाने पर स्मारकीय हैऔर स्वच्छता के लिए तैयार किए गए मानवाधिकारों के मायने में ऐतिहासिक है।

सुलभ इंटरनेशनल (गैर लाभ संगठन) जो भारत स्थित एक सामाजिक सेवा संगठन है जो शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।

पुरस्कार और उपलब्धियां

1.पद्मा विभूषण (1991)
2.इंटरनेशनल संत फ्रांसिस अवार्ड ,पोप जॉन पॉल II के द्वारा (1992)

3.ग्लोबल ५०० रोल ऑफ़ ऑनर ,UNEP और UN -हैबिटैट स्क्रॉल ऑफ़ ऑनर (2003)
4.दुबई इंटरनेशनल अवार्ड (2004)
5.गुड कॉर्पोरेट सिटीजन अवार्ड ,डॉ ए.पी.जे . अब्दुल कलाम आज़ाद के द्वारा (2005)
6.एनर्जी ग्लोब अवार्ड (2007)
7.स्टॉकहोल्म वाटर अवार्ड (2009)

8.इंडियन ऑफ़ द ईयर,CNN NEWS 18 के द्वारा (2015)
9.WHO पब्लिक हेल्थ चैंपियन अवार्ड (2016)
10.लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अवार्ड ,पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन,अकैडमिक्स और मैनेजमेंट (2017)
11.२३वां Nikkei एशिया अवार्ड (2018)
12.गाँधी शांति पुरस्कार (2019)

हमें गौरवान्वित करने के लिए धन्यवाद |

क्या आपने टॉयलेट म्यूजियम(Toilet Museum)के बारे में सुना है ?

हाँ सही पढ़ रहे है आप टॉइलेट म्यूजियम और कहीं नहीं अपने ही देश में स्थित है
ये भी एक बिहारी दिमाग के कमाल का एक अनोखा उदाहरण है
उन महानुभाव का नाम श्री बिंदेश्वर पाठक है जो की सुलभ इटरनेशनल संस्था के संस्थपाक भी है
आज भारत के सभी शहरो और कस्बो में जो सुलभ शौचालय नज़र आते है वो सभी इसी संस्था के द्वारा संचालित होती है
जिसका प्रयोग हर आम भारतीय सफर के दौरान करता है
इस म्यूजियम में आपको २५०० BC से आज तक प्रयोग में आने वाले शौचालयों का अद्भुत संग्रह है

सुलभ इंटरनेशनल का शौचालय संग्रहालय (International Museum of Toilets) विश्व के सबसे विचित्र संग्रहालयों में से एक है। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित दिल्ली में स्थित एक संग्रहालय है जो स्वच्छता तथा शौचालयों के वैश्विक इतिहास को समर्पित है। यह संग्रहालय इसके संस्थापक श्री बिंदेश्वर पाठक के अनोखे विचार का जीवंत उदहारण है

Timings
Open 7 Days a Week
Timings : Week Days: (Monday to Saturday) 8am to 8pm
Sunday & National Holidays: 10am to 5pm
Entry & Parking absolutely free for every visitor

Address
Sulabh Bhawan, Palam Dabri Marg, Mahavir Enclave, Palam, New Delhi, India: 110045

011 – 25031518 & 19

sulabhinfo@gmail.com

महाबोधि मंदिर,गया,बिहार

बिहार की पावन भूमि जहां राजकुमार सिद्धार्थ आये तो, पर महात्मा बुद्ध बनकर पूरी दुनिया को जीवन जीने का रास्ता बताया
बिहार में आज भी सभी बुद्ध से सम्बंधित सभी स्थान मौजूद है जहां जाकर थोड़ा अनुभव प्राप्त कर सकते है
आज भी वो महाबोधि मंदिर में वो बोधि वृच्छ मौजूद है जहाँ पूरी दुनिया के लोग आते है
महाबोधि मंदिर का अर्थ आपके अंदर के बोध को जगाने वाला स्थान होता है ,

इस स्थान के ओज का अनुभव अविस्मरणीय है जो भी एक बार आते है वो पुरे जीवन इसे ह्रदय में संजो कर रखते है
बोधि वृक्ष एक पीपल का बहुत बड़ा पेड़ है जिसके निचे महात्मा बुद्ध ने साधना करके अपनी सभी प्रश्नो का उत्तर पाया !

बिहार में पहली बार (प्रथम)

  • The First Chief Minister of Bihar: Sri Krishna Singh
  • First governor of Bihar during British India: Sir James David Sifton
  • First governor of Bihar: Shri Jairamdas Daulatram
  • The First Magadhi film: Bhaiyaa, (1961)
  • The First Maithili movie: Kanyadan (1965)
  • The first Bhojpuri talkie film: Ganga Maiyya Tohe Piyari Chadhaibo (1963)
  • The first Chief Justice of Patna High Court before Independence: Sir Justice Edward Maynard Des Champs Chamier
  • The first woman Chief Justice of Patna High Court after Independence: Justice Rekha Doshit
  • The first Indian Chief Justice of Patna High Court after independence: Pandit Lakshami Kant Jha
  • The first lady judge of Patna High Court holds the distinction of being the first woman to hold court at Patna High Court and its Ranchi Bench: Justice Indu Prabha Singh
  • The first woman judge of the Supreme Court of India from Bihar: Justice Gyan Sudha Misra.
  • First International Cricket Stadium in Bihar: Moin-ul-Haq Stadium (Previously Known as Rajendra Nagar Stadium)
  • First Democratic election of Bihar held in March 1937. Congress emerged as the largest political party, Muslim Independent Party headed by Barrister Muhammad Yunus stood second. Barrister Mohammad Yunus formed Government and became the first Premier (April- July 1937) of Bihar province.
  • First Tiger Reserve: Valmiki National Park, tiger reserve and Wildlife Sanctuary are located at the India-Nepal border in the West Champaran district of Bihar, India on the bank of river Gandak.
  • First Woman Combat Officer of ITBP from Bihar: Prakriti
  • First female chief minister of Bihar: Smt. Rabri Devi
  • First women fighter stream pilots member in India’s history: Bhawana Kanth (Darbhanga, Bihar)
  • First Muslim Lady IPS Officer of India from Bihar: Ghuncha Sanobar
  • First Speaker of Bihar Legislative Assembly in independent India: Bindeshwari Prasad Verma
  • First ancient University of Bihar: Nalanda University
    • First University of Bihar during British Raj: Patna University
  • First European to enter Bihar: Portuguese
  • First Republic of the World: Vaishali (Bihar)